भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार को म्यांमार के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के साथ बैठक की और उन्होंने भारत की सीमा के पास म्यांमार में जारी हिंसा के प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की. इसके साथ ही विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने भी म्यांमार में लोकतांत्रिक परिवर्तन के रास्ते पर शीघ्र वापसी का आह्वान किया.
जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि भारत ने “म्यांमार में जारी हिंसा और अस्थिरता के हमारे सीमा पर पड़ने वाले प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त की. बता दें कि म्यांमार में लगातार हिंसा की घटनाएं घट रही हैं. इसका प्रभाव भारत पर नहीं पड़े. इसे लेकर सरकार सतर्क है.प्रतिरोध बलों ने पहले ही भारत, चीन और बांग्लादेश की सीमाओं पर कई प्रमुख व्यापारिक बिंदुओं पर कब्ज़ा कर लिया है.
1 फरवरी, 2021 को तख्तापलट में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. राखीन राज्य और कई अन्य क्षेत्रों में पिछले साल अक्टूबर से सशस्त्र जातीय समूहों और म्यांमार की सेना के बीच भीषण लड़ाई की खबरें हैं.
पिछले नवंबर से भारत की सीमा के पास म्यांमार के कई प्रमुख शहरों और क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच शत्रुता में तेजी से वृद्धि देखी गई, जिससे मणिपुर और मिजोरम की सुरक्षा पर संभावित असर को लेकर नई दिल्ली में चिंताएं बढ़ गई हैं.
जयशंकर ने म्यांमार में हिंसा पर जताई चिंता
Met with Deputy PM and FM of Myanmar U Than Shwe as he transited New Delhi today.
Discussed our deep concern at the impact of continuing violence and instability in Myanmar on our border. India is open to engaging all stakeholders in addressing this situation.
Particularly… pic.twitter.com/7ewHKxc6ZL
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 26, 2024
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को दिल्ली में म्यांमार के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री यू थान श्वे से मुलाकात की. विदेश मंत्री ने म्यावाडी में फंसे भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया.
बैठक के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि म्यांमार में जारी हिंसा और अस्थिरता के कारण हमारी सीमा पर पड़ने वाले प्रभाव पर हमारी गहरी चिंता पर चर्चा की. भारत इस स्थिति से निपटने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है.
म्यावाडी में फंसे भारतीय की वापसी के लिए मांगा सहयोग
उन्होंने कहा कि बैठक में विशेष रूप से अवैध मादक पदार्थों, हथियारों की तस्करी और मानव तस्करी को प्राथमिकता वाली चुनौतियों के रूप में चिह्नित किया.
उन्होंने म्यावाडी में फंसे भारतीय नागरिकों की जल्द वापसी के लिए सहयोग मांगा. देश में चल रही हमारी परियोजनाओं के लिए विश्वसनीय सुरक्षा संरक्षण के लिए दबाव डाला. म्यांमार में लोकतांत्रिक परिवर्तन के रास्ते पर जल्द वापसी का आग्रह किया. भारत किसी भी तरह से मदद करने के लिए तैयार है.