नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने भरोसा दिलाया है कि वे सुनिश्चित करेंगे कि सामान्य व्यक्तियों के लिए हवाई यात्रा सुलभ हो सके. उन्होंने कहा, ऐसा करने के लिए ये जरूरी है कि हवाई यात्रा अफोर्डेबल हो. नायडु ने कहा, उनकी प्राथमिकताओं में एयरफेयर को कम करना रहेगा. राम मोहन नायडु ने मोदी 3.0 में सिविल एविएशन मंत्री के तौर पर राजीव गांधी भवन स्थित सिविए एविएशन मिनिस्ट्री में अपना कार्यभार संभाल लिया है.
13 जून को नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले नायडू ने कहा कि उनका प्राथमिक ध्यान आम आदमी के लिए हवाई यात्रा को अधिक सुलभ और आरामदायक बनाने पर होगा. उन्होंने कहा कि कोविड के दिनों से हवाई किराए की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव रहा है. एक यात्री के रूप में मैंने खुद इन बढ़ोतरी को देखा है. हम इसकी समीक्षा करने जा रहे हैं.
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने एक यात्री के रूप में अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा किया और कहा कि सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि मेरा पूरा इरादा यह सुनिश्चित करना है कि हवाई यात्रा आम आदमी के लिए सुलभ हो. मेरी प्राथमिकता कीमतों (हवाई किराए) को कम करना होगा.
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। मेरा पूरा इरादा यह सुनिश्चित करना है कि हवाई यात्रा आम आदमी के लिए सुलभ हो। इसे हकीकत बनाने के लिए कीमतें सस्ती होनी चाहिए। मेरी प्राथमिकता कीमतों (हवाई किराए) को कम करना… pic.twitter.com/zsvdGomUDR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 13, 2024
हवाई सफर होगा अफोर्डेबल
राममोहन नायडू ने कहा, मेरा प्रयास हवाई किराये में कमी लाना होगा जो कि आम आदमी के लिए चुनौती बनता जा रहा है. मैं एयर ट्रेवल को सामान्य लोगों तक लेकर जाना चाहता हूं. उन्होंने कहा, जब तक हवाई सफर को अफोर्डेबल नहीं बनाया जाएगा तब तक ये संभव नहीं है.
संसद में उठता रहा है मुद्दा
वैसे महंगे हवाई किराया का मुद्दा लगातार संसद में उठता रहा है. तो संसद की स्थाई समिति ने भी कई बार सरकार का इस ओर ध्यान दिलाते हुए महंगे हवाई सफर पर नकेल कसने को कहा है. जिसपर सरकार कह चुकी है कि हवाई किराये को सरकार रेग्यूलेट नहीं करती है और ना ऐसा करने का उसका कोई इरादा है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान पूर्व नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री वी के सिंह ने संसद में कहा था कि एयरलाइंस हवाई किराया मार्केट, डिमांड, सीजन और दूसरे बातों को ध्यान में रखकर खुद तय करती हैं.