मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश के किसानों के विकास के लिए लगातार नए-नए आयाम तलाश रहे हैं। इसी सिलसिले में सीएम मोहन यादव ने मंत्रालय में एक बैठक बुलाई, जिसमें कृषक हितग्राही मूलक योजनाओं सहित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा कृषि विविधीकरण को लेकर चर्चा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने किसानों के तुअर के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कहा। साथ ही कोदो-कुटकी के रकबे को बढ़ाते हुए फसल चक्र में सुधार करने और पानी-बिजली के उपयोग को संतुलित करने के लिए कहा है।
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— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 28, 2024
मंडी में गड़बड़ी के जिम्मेदार होंगे अधिकारी
सीएम मोहन यादव ने कृषि उपज मंडियों की व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए है। सीएम मोहन ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी मंडियों के तौल-कांटे, वित्तीय लेन-देन और बाकी की सभी व्यवस्था का ओचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इन मंडियों में किसानों के हितों से कहीं भी खिलवाड़ ना हो और मंडी व्यवस्था के प्रति किसानों का विश्वास बरकरार रहे। इसके साथ ही सीएम मोहन ने निर्देश दिया कि इस दौरान कलेक्टर को कृषि उपज मंडी के संचालन पर भी निगरानी रखनी होगी। इसके साथ ही सीएम मोहन ने कहा कि कृषि उपज मंडी में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित सचिव ही इसके जिम्मेदार होंगे।
सीएम मोहन यादव का प्लान
इस दौरान सीएम मोहन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सीमांत और लघु किसानों को काफी लाभ मिलेगा। सीएम मोहन ने कहा कि प्रदेश जलवायु परिस्थिती, मिट्टी और फसलों के अलग- अलग पैटर्न के साथ संपन्न है। राज्य के किसानों की अथक मेहनत से प्रदेश कृषि विकास में सर्वोपरि बना हुआ है। मध्य प्रदेश को दलहन और तिलहन के क्षेत्र और उत्पादन में पहले स्थान पर लाना है। किसानों की आय में वृद्धि करने तथा कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार कोशिश जारी हैं।