यह मामला मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से जुड़ा हुआ है, जहाँ एक नाबालिग लड़के को उसकी माँ और सौतेले पिता ने कथित रूप से इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया और जंजीरों से बाँधकर रखा।
घटना के मुख्य बिंदु:
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बच्चे के पिता की 12 साल पहले मौत
- लड़के के पिता का 12 साल पहले निधन हो गया था।
- 2 साल बाद उसकी माँ ने रऊफ शाह नामक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली और इस्लाम धर्म अपना लिया।
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नाबालिग पर इस्लाम अपनाने का दबाव
- माँ और सौतेले पिता ने इस्लाम अपनाने और रोजा रखने के लिए दबाव बनाया।
- मना करने पर उसे जंजीरों से बाँध दिया गया और कैद में रखा गया।
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वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस कार्रवाई
- नाबालिग ने मदद माँगने के लिए वीडियो जारी किया, जिसमें वह जंजीरों में बंधा हुआ दिखा।
- पुलिस ने पहुँचकर जंजीरें काटीं और लड़के को मुक्त कराया।
- पुलिस ने धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया।
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माँ का बचाव, सौतेला पिता फरार
- माँ ने बचाव में कहा कि लड़का नशा करता है और झगड़ा करता है, इसलिए उसे बाँधा गया था।
- पुलिस ने माँ को जमानती नोटिस देकर छोड़ा, लेकिन रऊफ अभी फरार है।
- रऊफ ट्रक चालक है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
कानूनी दृष्टिकोण:
मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 के तहत जबरन धर्म परिवर्तन करवाना अपराध है।
- इस मामले में IPC की धारा 342 (गलत तरीके से कैद रखना), 323 (मारपीट), 506 (धमकी), और धर्मांतरण कानून के तहत केस दर्ज किया गया है।
- अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो माँ और सौतेले पिता को 10 साल तक की सजा हो सकती है।
निष्कर्ष:
- यह मामला बाल अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता, और जबरन धर्मांतरण से जुड़ा हुआ है।
- मध्य प्रदेश सरकार और प्रशासन को इस मामले की गहन जाँच करनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लड़के को भविष्य में किसी तरह की प्रताड़ना न सहनी पड़े।
- इस्लाम अपनाने का दबाव, शारीरिक कैद, और धार्मिक जबरदस्ती जैसे मामलों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।