नासा ने बुधवार को अंतरिक्ष और पृथ्वी पर मौसम के साथ-साथ बड़े सौर तूफानों की निगरानी के लिए गोज-यू (जियोस्टेशनरी आपरेशनल एनवायर्नमेंटल सैटेलाइट यू) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
Look at it go. 😊
GOES-U set off into space the evening of June 25, setting its sights on our beautiful planet. pic.twitter.com/B9ZLHmpBiq
— NASA (@NASA) June 26, 2024
स्पेसएक्स ने फाल्कन राकेट से किया लॉन्च
गोज-यू, राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) और नासा की गोज-आर उपग्रह श्रृंखला में चौथा और अंतिम है। इसे स्पेसएक्स के फाल्कन राकेट से शाम 5:26 बजे फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के भूस्थैतिक कक्षा के लिए रवाना किया गया। उपग्रह को भूस्थैतिक कक्षा तक पहुंचने में लगभग दो सप्ताह लगेंगे और पहुंचने के बाद इसका नाम बदलकर गोज-19 कर दिया जाएगा।
U GO, GOES-U! The last in the series of @NOAA's four advanced geostationary weather satellites lifted off from @NASAKennedy at 5:26pm ET. pic.twitter.com/CA90A1aJ1f
— NASA (@NASA) June 25, 2024
नासा ने क्या कहा?
नासा ने एक्स पोस्ट में कहा है कि एनओएए का गोज-यू भूस्थैतिक कक्षा की ओर बढ़ रहा है, जहां यह पृथ्वी और अंतरिक्ष में मौसम के अध्ययन में सहायता करेगा। यह वायुमंडलीय गतिविधियों की माप, आकाशीय बिजली की रियलटाइम मैपिंग और मौसम संबंधी खतरों का पता लगाने के लिए सात उपकरणों से सुसज्जित है।
गोज-यू 35700 किमी की ऊंचाई पर करेगी परिक्रमा
पहली बार इसमें कॉम्पैक्ट कोरोनोग्राफ भी शामिल है, जो बड़े प्लाज्मा विस्फोटों के लिए सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना का निरीक्षण करेगा, जो भू-चुंबकीय सौर तूफान पैदा कर सकता है। गोज-यू 35,700 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करेगी।
After a successful launch from @NASAKennedy at 5:26pm ET (2126 UTC), @NOAA’s GOES-U is on its way to geostationary orbit, where it’ll assist in the study of weather on Earth and in space. https://t.co/XJSh9yYzBA pic.twitter.com/5vtw2kDyHk
— NASA (@NASA) June 26, 2024
गंभीर मौसम की मिलेगी जानकारी
इसे लेकर स्पेसएक्स ने कहा कि यह वास्तविक समय के उच्च-रिजॉल्यूशन इमेजरी, गंभीर मौसम का पहले से पता लगाने और ट्रॉपिकल साइक्लोन के पूर्वानुमान के साथ मौसम पूर्वानुमानकर्ताओं और जलवायु शोधकर्ताओं की सहायता करेगा।
एनओएए और नासा मिलकर भूस्थैतिक कक्षा में अगली पीढ़ी के उपग्रहों को विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं, जिन्हें जियोस्टेशनरी एक्सटेंडे ऑब्जर्वेशन कहा जाता है।