अगर आप भी Apple के प्रोडक्ट जैसे आईफोन , आईपैड और मैकबुक का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाइए. बेशक Apple अपने प्रोडकट्स को दुनिया में सबसे ज्यादा सिक्योर होने का दावा करती है, लेकिन मोदी सरकार ने एप्पल प्रोडक्ट्स के भारतीय यूजर्स के लिए एक हाई रिस्क वॉर्निंग जारी की है. केंद्र सरकार की सिक्योरिटी एडवाइजरी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने Apple iPhone, Apple iPad, MacBook और Vision Pro Headset जैस प्रोडक्ट्स में सिवियर सिक्योरिटी थ्रेट की वॉर्निंग दी है.
CERT-In की एडवाइजरी में बताया गया है कि एप्पल के प्रोडक्ट्स में एक सिवियर लूप होल सामने आया है. इससे आपके फोन का डाटा लीक हो सकता है. आपका आईफोन हैक भी हो सकता है. फोन सिक्योरिटी को खतरे में डालने वाले इस लूप होल को ‘रिमोट कोड एक्जीक्यूशन’ नाम दिया गया है.
सिक्योरिटी एडवाइजरी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम की सिक्योरिटी एडवाइजरी अलर्ट के मुताबिक, वलनरेबिलिटी (Vulnerability Affects) एप्पल सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को प्रभावित करती है. इसमें 17.4.1 से पहले के Apple Safari वर्जन, 13.6.6 से पहले के Apple macOS वेंचुरा वर्जन और 14.4.1 से पहले के Apple macOS सोनोमा वर्जन शामिल हैं. इसके साथ ही 1.1.1 से पहले के एप्पल विजन OS, 17.4.1 से पहले के एप्पल IOS और OS आईपैड वर्जन और 16.7.7 से पहले के एप्पल IOS और आईपैड OS वर्जन भी प्रभावित होते हैं.
एडवाइजरी के अनुसार, iPhone XS, iPad Pro 12.9-इंच, iPad Pro 10.5-इंच, iPad Pro 11-इंच, iPad Air, iPad और iPad Mini के यूजर्स इनसेंसिटिव हैं. उनके डिवाइस 17.4.1 से पहले के iOS और iPadOS वर्जन चला रहे हैं. इसके अतिरिक्त, iPhone 8, iPhone 8 Plus, iPhone X, iPad 5th जेनरेशन, iPad Pro 9.7-इंच और iPad Pro 12.9-इंच 1st जेन के यूजर्स भी जोखिम में हैं. उनके डिवाइस iOS और iPadOS वर्जन 16.7.7 या बाद के वर्जन में अपडेट नहीं किए गए हैं.
डिवाइस को कैसे रखें सुरक्षित?
- अपने डिवाइस को सुरक्षित रखने के लिए आपको टाइम पर ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करते रहना चाहिए. इसके अलावा कंपनी की तरफ तरफ से जारी किए गए सभी सुरक्षा पैच को लागू करें.
- कभी भी किसी अनजान नेटवर्क से जुड़ने से बचें और सुरक्षित वाई-फाई का ही उपयोग करें. अपने किसी अकाउंट पासवर्ड हमेशा मजबूत बनाएं और समय-समय पर उसे बदलते रहें.
- किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने और कोई अनजान ऐप इंस्टाल करने से बचें.
- Two-factor authentication को अपनाएं.
- सिस्टम फेल होने से डेटा के खोने से बचने के लिए रेगुलर बैकअप लें.