मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी (NEET-UG) के कथित पेपर लीक मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आज गुरुवार को अपनी स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी है. सीबीआई ने सील कवर में यह रिपोर्ट दाखिल की. पेपर लीक मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से अपना हलफनामा दाखिल कर दिया गया है. एनटीए ने हलफनामे में बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पेपर बनाने को लेकर कड़ी सुरक्षा प्रक्रिया का पालन किया जाता है. कई विषय विशेषज्ञों की मौजूदगी में पेपर बनाए जाते हैं. उन्हें सीलबंद लिफाफे में रखा जाता है. सीसीटीवी की निगरानी में प्रिटिंग कराई जाती है. कड़ी सुरक्षा और जीपीएस ट्रैकर तथा डिजिटल लॉक के साथ पेपर को परीक्षा केंद्रों में भेजा जाता है.
लीक मामले में अब तक 11 गिरफ्तारी
दूसरी ओर, सीबीआई ने पेपर लीक मामले में मंगलवार को पटना से एक अभ्यर्थी समेत 2 और लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी के साथ ही जांच एजेंसी की ओर से अब तक मामले में 11 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. एक अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार है जब एजेंसी ने पेपर लीक से जुड़ी कथित अनियमितताओं के सिलसिले में किसी अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने नालंदा के रहने वाले नीट-यूजी अभ्यर्थी सन्नी और गया के रहने वाले अन्य अभ्यर्थी रंजीत कुमार के पिता को गिरफ्तार किया है.
जांच एजेंसी की ओर से जानकारी दी गई कि सीबीआई ने पेपर लीक मामले में बिहार से अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि महाराष्ट्र के लातूर और गुजरात के गोधरा में कथित हेराफेरी के सिलसिले में एक-एक आरोपी को गिरफ्तार किया. जबकि देहरादून में साजिश के सिलसिले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया.
मामले में अब तक 6 FIR भी दर्ज
सीबीआई पहले ही झारखंड के हजारीबाग जिले में स्थित ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य तथा उन 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने छात्रों को कथित तौर पर सुरक्षित परिसर उपलब्ध कराया था.
पेपर लीक से जुड़ी जांच मामले में सीबीआई की ओर से अब तक 6 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं. बिहार में दर्ज एफआईआर पेपर लीक से संबंधित है. वहीं गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर छात्रों की जगह परीक्षा देने और धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है.
फिर से परीक्षा का आदेश दे सकते हैंः SC
इस बीच कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि अगर नीट-यूजी 2024 परीक्षा की शुचिता भंग हुई और पूरी प्रक्रिया पर असर पड़ा है तो परीक्षा फिर से कराने का आदेश दिया जा सकता है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और सीबीआई से पेपर लीक होने के समय और तरीके के साथ ही गलत करने वालों की संख्या की जानकारी मांगी है. कोर्ट इसके जरिए इस लीक से पड़ने वासे प्रभाव का पता लगाना चाहता है.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने केंद्र और परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी से कड़े शब्दों में कहा, “हमें नकारना की मुद्रा में नहीं रहना चाहिए. इससे समस्या और बढ़ जाएगी.” छात्रों और संगठनों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.