राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने गौ हत्या को लेकर बड़ा बयान दिया है. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदू ही गाय को कटने के लिए कसाई को भेजते हैं. कार्यक्रम के दौरान आरएसएस चीफ ने सभी से गौ सेवा करने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने कहा है कि गाय दुनिया की तमाम समस्याओं का समाधान है.
मोहन भागवत कल यानी मंगलवार को उत्तर प्रदेश में मथुरा के फरह क्षेत्र में दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के एक कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे.भागवत ने कार्यक्रम में गाय की दशा पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, ”कहा जाता है कि बांग्लादेश में सबसे ज्यादा गायें काटी जाती हैं, लेकिन सवाल ये है कि उन्हें वहां भेजता कौन है? ये गाय हिंदूओं ही के घरों से वहां पहुंचती हैं और उन्हें ले जाने वाले भी हिंदू ही हैं.”
भागवत यहीं नहीं रुके. उन्होंने एक और सवाल उठाया. मोहन भागवत ने कहा, ”हम गाय को माता कहते हैं लेकिन गायों को कटने के लिए भेजना क्या एक पुत्र का कर्तव्य है. गायों को कटने के लिए भेजना बिल्कुल सही चीज नहीं है.” उन्होंने लोगों से अपील की कि हम गाय की सेवा करेंगे और उन्हें ऐसे नहीं जाने देंगे.
भागवत ने कहा कि गाय को हम हमेशा अपने पास रखें, मरने के बाद उसका सींग भी हमारे काम आता है और उसकी खाल भी हमारे काम आती है. सरसंघचालक ने कहा कि अगर गाय मरने के बाद भी हमारी सेवा करती है तो जीवित रहते हुए भी हम उनकी सेवा क्यों नहीं कर सकते. संघ प्रमुख ने कहा कि, गाय के बारे में हमने पूर्वजों से जाना, जिन्होंने स्वयं अनुभव कर यह ज्ञान प्राप्त किया लेकिन अब दुनिया को बताने के लिए हमें उनकी ही भाषा में उनके ही मानकों के अनुसार गाय के बारे में अर्जित ज्ञान को बताना होगा.
मोहन भागवत ने कहा, ”दीनदयाल गौ-विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र’ यही काम करेगा, वह गाय के बारे में कई तरह की प्रामाणिक रिसर्च जुटाएगा.” भागवत ने आखिर में कहा, ”जैसे घर में तंगी होने पर माता-पिता को बाहर नहीं भेजते, पहले उन्हें भोजन कराकर ही स्वयं भोजन करते हैं, उसी तरह गाय की भी सेवा करनी है, अगर हम गाय को माता कहते हैं तो हमें पुत्र का कर्तव्य तो निभाना ही पड़ेगा.”
गौशाला समिति ने 200 करोड़ की लागत से दीनदयाल गौ-विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बनाया है. इसके पहले चरण में प्रशासनिक भवन, क्लास रूम और बायोगैस जनरेटर से चलने वाले बुनकर केंद्र का निर्माण हुआ है. इसी केंद्र के लोकार्पण के लिए सरसंघचालक मथुरा पहुंचे हुए थे.