पाकिस्तान की यूएनएससी में अध्यक्षता शुरू होने से ठीक पहले भारत ने उसे वैश्विक मंच पर करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करते हुए दो टूक कहा कि भारत न तो आतंकवाद सहन करेगा और न ही परमाणु ब्लैकमेलिंग से डरेगा।
जयशंकर ने 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले को याद दिलाते हुए बताया कि यह हमला आर्थिक युद्ध था, जिसका मकसद कश्मीर के पर्यटन और सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाना था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई थी। भारत ने इस हमले का बदला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए लिया, जिसमें पाकिस्तान के 9 शहरों में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देने के लिए की कि सीमा पार छिपे आतंकी अब सुरक्षित नहीं हैं।
जयशंकर ने यूएनएससी की प्रतिबंध समिति में पाकिस्तान की सह-अध्यक्षता और एक महीने की अध्यक्षता को लेकर भी चिंता जताई, क्योंकि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने और आतंकी संगठनों पर लगे प्रतिबंधों को कमजोर करने के लिए कर सकता है। ऐसे में उन्होंने कहा कि भारत सतर्क है और समय रहते पाकिस्तान को बेनकाब कर रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि,
“अब हम आतंकवादियों और उन्हें समर्थन देने वाली सरकारों में कोई फर्क नहीं करेंगे। अगर हमला हुआ, तो हम जवाब देंगे — चाहे वे सीमा पार हों या किसी भी सुरक्षा की आड़ में छिपे हों। परमाणु धमकियों से हमें रोका नहीं जा सकता।”
जयशंकर का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान 1 जुलाई 2025 से यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है और उसके इरादों पर संदेह जताया जा रहा है कि वह इस मंच का दुरुपयोग कर सकता है।
यह पूरी कार्रवाई और कड़ा रुख भारत के उस नए दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें आतंकवाद को सीधे और निर्णायक तरीके से जवाब देने की नीति अपनाई गई है — और पाकिस्तान को दुनिया के सामने “बेपर्दा” करना इसका अहम हिस्सा है।
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