अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. उसके पहले सिख समुदाय यहां तीन दिनों का अखंड पाठ करने जा रहा है. 19 जनवरी से 21 जनवरी तक अयोध्या में गुरुद्वारा ब्रह्म कुंड साहिब में तीन दिवसीय ‘अखंड पाठ’ का आयोजन होना है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, “देश के विभिन्न हिस्सों से सिख ‘अखंड पाठ’ में भाग लेंगे. इसे ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निर्विघ्न संपन्न होने की प्रार्थना के साथ आयोजित किया जाएगा.”
‘भगवान राम से जुड़ा है सिखों का इतिहास’
रिपोर्ट के अनुसार आरपी सिंह कहते हैं, “सिखों, का अयोध्या और भगवान राम से जुड़ाव का एक महान इतिहास है. 1510 में गुरु नानक देव जी की राम मंदिर की यात्रा का जिक्र है, जो श्री राम मंदिर के पक्ष में फैसले का एक आधार बना था. निहंग 1858 में राम मंदिर के अंदर भी गए थे जहां उन्होंने हवन किया और परिसर के अंदर दीवार पर ‘राम’ लिखा.”
क्या होता है अखंड पाठ
‘अखंड पाठ’, सिख धर्म में एक पवित्र अनुष्ठान है, जिसका गहरा आध्यात्मिक महत्व है. इसमें सिखों की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड, निरंतर पाठ किया जाता है. यह पाठ, कम से कम 48 घंटे से अधिक समय तक चलता है. इसमें कई लोग एक साथ पाठ करते हैं. यह सुनिश्चित किया जाता है कि समारोह के समापन तक गुरु ग्रंथ साहिब के शब्द बिना किसी रुकावट के पढ़े जाते रहें.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले भी किया गया था अखंड पाठ
आरपी सिंह ने कहा कि 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से पहले भी ‘अखंड पाठ’ और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है.
वह कहते हैं, “राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले, हमने अयोध्या के उसी गुरुद्वारे में ‘अखंड पाठ’ का आयोजन किया था. इसमें कानपुर, हैदराबाद, अमृतसर और देश के अन्य हिस्सों से सिखों ने भाग लिया और राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रार्थना की थी. यह ‘अखंड’ पाठ’ प्राण प्रतिष्ठा के लिए है, और गुरु ग्रंथ साहिब में ‘राम’ शब्द का इस्तेमाल 2,533 बार किया गया है.”