प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ओडिशा के दौरे के दौरान राज्य को 18,600 करोड़ रुपये से अधिक की 105 विकास परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित समारोह में इन परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जिसमें पेयजल, सिंचाई, स्वास्थ्य ढांचा, ग्रामीण सड़कें, पुल, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे जैसे बुनियादी क्षेत्रों की परियोजनाएं शामिल हैं। पीएम मोदी ने इस मौके पर “ओडिशा विजन डॉक्यूमेंट” का भी अनावरण किया, जिसका उद्देश्य 2036 तक राज्य को 500 बिलियन डॉलर और 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलना है। यह डॉक्यूमेंट राज्य की जनता की प्रतिक्रियाओं के आधार पर तैयार किया गया है और 2036 में ओडिशा के भाषाई राज्य बनने की शताब्दी और 2047 में भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी को केंद्र में रखकर रोडमैप तैयार किया गया है।
प्रधानमंत्री ने सोनपुर-पुरुनकटक रेलवे लाइन का उद्घाटन कर बौध जिले के लिए पहली यात्री ट्रेन को रवाना किया, साथ ही सरला-सासोन के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन तथा झारसुगुड़ा-जामगा के बीच चौथी रेल लाइन का उद्घाटन भी किया। इसके अलावा पर्यावरण अनुकूल शहरी परिवहन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने राजधानी क्षेत्र शहरी परिवहन (CRUT) के तहत 100 इलेक्ट्रिक बसों को भी हरी झंडी दिखाई।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ‘बारापुत्र ऐतिहासिक ग्राम योजना’ भी शुरू की, जिसका उद्देश्य ओडिया महानुभावों के जन्मस्थलों को संग्रहालयों, प्रतिमाओं, पुस्तकालयों और व्याख्या केंद्रों के माध्यम से सांस्कृतिक स्मारकों में बदलना है, ताकि राज्य की विरासत को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की ‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत सफल महिलाओं को भी सम्मानित किया। इस योजना का उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाकर उन्हें सालाना एक लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित करने में सक्षम बनाना है। इस पहल में ओडिशा देश में सबसे आगे है, जहां सबसे ज्यादा ‘लखपति दीदी’ बनी हैं।
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