प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी साइप्रस यात्रा के दौरान वहां के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारिओस III” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स ने प्रदान किया। पीएम मोदी ने इस सम्मान को भारत और साइप्रस के बीच मित्रता की मुहर बताते हुए इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत की संस्कृति, भाईचारे और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की विचारधारा का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “जब से मैंने साइप्रस की धरती पर कदम रखा है, राष्ट्रपति और यहां के लोगों ने जो स्नेह और अपनापन दिखाया, वह दिल को छू गया। यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि सभी भारतवासियों का है। मैं इसे भारत और साइप्रस के साझा मूल्यों और हमारी पारस्परिक समझ को समर्पित करता हूं।”
मोदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए साइप्रस सरकार और जनता को धन्यवाद दिया और विश्वास जताया कि दोनों देशों की साझेदारी आने वाले समय में नई ऊंचाइयों को छुएगी। उन्होंने कहा कि भारत और साइप्रस मिलकर न सिर्फ अपने-अपने देशों की प्रगति को गति देंगे, बल्कि विश्व में शांति और स्थिरता के लिए भी काम करेंगे।
Addressing the press meet with President Nikos Christodoulides of Cyprus. @Christodulides https://t.co/LAtmFgPXaw
— Narendra Modi (@narendramodi) June 16, 2025
प्रधानमंत्री की यह यात्रा विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह 23 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली साइप्रस यात्रा थी। 15 जून को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, डिजिटल भुगतान, शिक्षा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर द्विपक्षीय बातचीत भी हुई।
इसके अलावा यूपीआई डिजिटल भुगतान प्रणाली को साइप्रस में लागू करने के लिए भारतीय एनपीसीआई और साइप्रस के यूरोबैंक के बीच समझौता हुआ, जिससे यूरोप और भारत के बीच डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी का यह साइप्रस दौरा उनके 5 दिवसीय विदेश यात्रा कार्यक्रम का हिस्सा है, जो 15 जून से 19 जून तक चलेगा। साइप्रस के बाद प्रधानमंत्री कनाडा जाएंगे, जहां वह G-7 सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद उनका अगला पड़ाव क्रोएशिया होगा।