विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। जयशंकर 2024 में विदेश की पहली यात्रा पर बृहस्पतिवार को नेपाल पहुंचे थे। उन्होंने यात्रा के दूसरे दिन देश में अपने कार्यक्रमों की शुरुआत करने से पहले सुबह-सुबह पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन किए। काठमांडू के पूर्वी बाहरी भाग में पवित्र बागमती नदी के किनारे स्थित पशुपतिनाथ नेपाल में सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। दुनियाभर से हजारों हिंदू श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं। सदियों पुराना यह मंदिर हिंदू देवता शिव को समर्पित हैं और वह पशुओं के संरक्षक पशुपति के अपने अवतार में यहां विराजमान हैं।
नेपाल पहुंचे एस जयंशकर
बता दें कि विदेश मंत्री अपने दो दिवसीय नेपाल दौरे पर पहुंचे हैं। गुरुवार को एस जयशंकर ने नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने सदियों पुराने, विशिष्ट और बहुआयामी नेपाल-भारत संबंधों पर व्यापक चर्चा की। इस साल अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत विदेश मंत्री नेपाल पहुंचे। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री प्रचंड से उनके कार्यालय सिंह दरबार में मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें शुभकामना प्रेसित की।
भारत-नेपाल संबंधों पर चर्चा
इस बाबत एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री प्रचंड से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं। जून 2023 में हुई उनकी सफल भारत यात्रा का स्मरण किया, जिसने हमारे संबंधों को नयी गति प्रदान की है।’’ उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल संबंध वास्तव में खास है और हमारी साझेदारी क्रमिक रूप से सफलता की ओर बढ़ रही है। प्रचंड ने कहा कि आज की बैठक में दोनों नेताओं ने सदियों पुराने, विशिष्ट बहुआयामी नेपाल-भारत संबंधों पर व्यापक रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया।
आज बिहानै पशुपतिनाथ मन्दिरको दर्शन गर्न पाउँदा मन आनन्दित भएको छ ।
🇮🇳 -🇳🇵सम्बन्ध र हाम्रा दुई देशका जनताको कल्याणका लागि प्रार्थना गरेँ । https://t.co/jzo8Mv6DUn
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 5, 2024
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
इस बैठक में चर्चा द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित थी. इसके साथ ही भूमि, रेल और सहित कई क्षेत्रों को कवर किया गया. हवाई संपर्क परियोजनाएं, रक्षा सहयोग, सुरक्षा, ऊर्जा, बिजली और जल संसाधन को लेकर भी बातचीत हुई. यात्रा के दौरान, नेपाल और भारत ने बिजली व्यापार पर एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत नेपाल अगले दस वर्षों में भारत को 10,000 मेगावाट बिजली का निर्यात करेगा.
भूकंप के बाद राहत आपूर्ति
इसके अलावा उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन, दीर्घकालिक बिजली व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा विकास में सहयोग, मुनाल सैटेलाइट और जाजरकोट भूकंप के बाद राहत आपूर्ति की 5वीं किश्त सौंपने पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. जयशंकर की यात्रा के दौरान तीन सीमा पार ट्रांसमिशन लाइनों का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया.