उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को छठवें वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन से संबंधित जानकारी शेयर की है. देहरादून स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, छठवें विश्व सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रतिरोध की चुनौतियों पर चर्चा करना और उनका समाधान करना है. इसके अलावा सम्मेलन का उद्देश्य उत्तराखण्ड को आपदा प्रतिरोधकता और तत्परता के लिए जलवायु अनुकूली समाधानों के केंद्र के रूप में विकसित करना है.
उत्तरखांड सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा छठवें विश्व आपदा प्रबन्धन सम्मेलन 28 नवंबर से 01 दिसंबर 2023 तक देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, डीएमआईसीएस हैदराबाद तथा उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू कॉस्ट) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है. पद्म विभूषित अमिताभ बच्चन सम्मेलन के ब्रांड एंबेसडर होंगे.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुखों, भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के साथ ही विश्व के प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र संघ, देश-विदेश के जलवायु विशेषज्ञों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है. सम्मलेन में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश एवं दुनिया भर के विशेषज्ञों के बीच मंथन होगा.
सम्मेलन में आपदा की चुनौतियों पर होगी चर्चा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वैश्विक आपदा प्रबन्धन सम्मेलन से आपदा प्रबन्धन की गंभीरता व विशेष रूप से उत्तराखण्ड राज्य और हिमालयी क्षेत्रों की आपदा से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए विश्व स्तर पर किए जा रहे चिन्तन व प्रयासों को गति मिलेगी. उन्होंने कहा जलवायु परिर्वतन और आपदा प्रतिरोध्यता अत्यंत महत्वपूर्ण विषय हैं और वर्तमान समय में भारतवर्ष और विशेष रूप से हिमालयी राज्यों में इनके महत्व को देखते हुए आपदा प्रबन्धन के वैश्विक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
कई विदेशी विशेषज्ञ भी होंगे शामिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन में विश्व के विभिन्न देशों के विशेषज्ञों, विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों, राज्यों की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषदों और विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों और नीति निर्धारकों के हिस्सा लेने की उम्मीद है. उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा इस सम्मेलन का कार्यान्वयन किया जाएगा.