झारखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट विधानसभा में पेश किया है। यह हेमंत सोरेन सरकार के सत्ता में लौटने के बाद पहला बजट है। राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बजट पेश करते हुए बताया कि झारखंड की अर्थव्यवस्था 7.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
आज झारखण्ड के समग्र विकास का अबुआ बजट जनता को समर्पित होगा। राज्य के लोगों की अभूतपूर्व भागीदारी और सुझावों के साथ यह बजट तैयार किया गया है।
आज इस अवसर पर मैं सभी को हार्दिक बधाई देते हुए, धन्यवाद करता हूँ, जोहार करता हूँ।#Abua_Budget #अबुआ_बजट pic.twitter.com/uecjOqPhZh
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) March 3, 2025
बजट की प्रमुख बातें:
🔹 कुल बजट: ₹1.45 लाख करोड़
🔹 राजकोषीय घाटा: ₹11,253 करोड़
🔹 सामाजिक क्षेत्र के लिए आवंटन: ₹62,844 करोड़
🔹 महिलाओं के लिए ‘मैयां सम्मान वित्तीय सहायता’ योजना: ₹13,363 करोड़
महत्वपूर्ण घोषणाएँ:
✅ गरीबों, किसानों, आदिवासियों और महिलाओं के लिए विशेष योजनाएँ।
✅ बकाया की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई: झारखंड सरकार केंद्र से ₹1.36 लाख करोड़ की कोयला बकाया राशि वसूलने के लिए कानूनी कदम उठाएगी।
✅ संयुक्त समिति का गठन: केंद्र और राज्य की संयुक्त समिति कोयला बकाया के दावे की पुष्टि करेगी और वसूली की प्रक्रिया तय करेगी।
आज अबुआ सरकार का बजट जन-जन की आकांक्षाओं और युवा झारखण्ड के सतत विकास के संकल्प के साथ जनता को समर्पित किया जा रहा है। यह बजट झारखण्ड के समग्र विकास का रोडमैप है। https://t.co/kANYRQIxJK
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) March 3, 2025
केंद्र से बकाया राशि पर झारखंड सरकार का रुख:
- सरकार का दावा है कि कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा झारखंड में खनन किए गए कोयले के बदले केंद्र पर ₹1.36 लाख करोड़ बकाया है।
- राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी से हाल ही में इस मुद्दे पर बातचीत हुई है।
- दिसंबर 2024 में झारखंड सरकार ने कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की थी।
बजट पर राजनीतिक दृष्टिकोण:
- सरकार का दावा: यह बजट हर वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।
- विपक्ष का तर्क: झारखंड को केंद्र से बकाया राशि मिलने की संभावना कम, सरकार सिर्फ राजनीति कर रही है।