महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच दिग्गज नेता शरद पवार ने शनिवार को अपने भतीजे अजित पवार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अजित पवार कौन होते हैं मुझसे रिटायरमेंट लेने की बात कहने वाले? उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि ‘मैं ना टायर्ड हूं.. ना ही रिटायर्ड’. शरद पवार ने पार्टी के भविष्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग का फैसला जो भी आए वे पार्टी को फिर से खड़ा करेंगे, जमीनी स्तर से काम करेंगे. उन्होंने कहा कि वे ऐसी बगावत पहले भी झेल चुके हैं.
याद दिला दें कि पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने पार्टी का नेतृत्व लाल कृष्ण आडवाणी को सौंपते हुए था कि वे ना थके हैं, न रिटायर हुए. लेकिन अब आडवाणीजी के नेतृत्व में विजय की और प्रस्थान कीजिए.
I'm not tired, I'm not retired, I'm fire: NCP chief Sharad Pawar on Ajit Pawar's "retirement" remark for him pic.twitter.com/11456KXkRr
— ANI (@ANI) July 8, 2023
इससे पहले अजित पवार ने कहा था कि उनके चाचा शरद पवार को अब रिटायरमेंट ले लेनी चाहिए. ये बातें उन्होंने शरद पवार की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए कही थी. अजित पवार ने कहा था कि चाचा शरद पवार ने उन्हें सबके सामने एक खलनायक के रूप में चित्रित किया. मेरे (अजित पवार) मन में अब भी उनके (शरद पवार) लिए गहरा सम्मान है…लेकिन आप मुझे बताएं, आईएएस अधिकारी 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं…यहां तक कि राजनीति में भी – भाजपा नेता 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं. अजित पवार ने कहा, “आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं… इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है.”
इस क्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार को कहा था कि पार्टी टूटी नहीं है और 30 जून को विधायक दल और संगठनात्मक इकाइयों ने अजित पवार को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है. पटेल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने 40 से अधिक विधायकों के हलफनामों के साथ भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को एक अर्जी सौंपी है, जिसमें अजित पवार की नियुक्ति के बारे में सूचित किया गया है और ‘‘पार्टी के नाम और चिह्न’’ पर दावा किया गया है. उन्होंने दावा किया कि बृहस्पतिवार को दिल्ली में शरद पवार द्वारा आयोजित राकांपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आधिकारिक नहीं थी.