भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आज (12 जुलाई) हाथरस भगदड़ की घटना की जांच के लिए सेवानिवृत्त शीर्ष अदालत के न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने के निर्देश की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जहां 2 जुलाई (मंगलवार) को 100 से अधिक लोग मारे गए थे। वकील विशाल तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले पर सुनवाई की मांग की थी.
Supreme Court refuses to entertain a PIL seeking direction to appoint a five-member expert committee under the supervision of a retired top court judge to enquire into the Hathras stampede incident where more than 100 people were killed on July 2.
A Bench headed by Chief Justice… pic.twitter.com/OaHfRNOcmr
— ANI (@ANI) July 12, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पादरीवाल और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इस तरह की घटनाएं काफी ज्यादा परेशान करने वाली हैं, लेकिन हाईकोर्ट ऐसे मामलों को सुनने के लिए सक्षम है. पीठ ने कहा, ” ये परेशान करने वाली घटनाएं हैं. पीआईएल आमतौर पर ऐसी घटनाओं को तूल देने के लिए किया जाता है. हाईकोर्ट इस मामले से निपटने के लिए सुसज्जित है. केस बर्खास्त.”
हाथरस हादसे पर याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
अदालत ने याचिकाकर्ता और वकील विशाल तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा और जनहित याचिका का निपटारा कर दिया. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए जरूरी मेडिकल सुविधाओं का मौजूद नहीं होना पूरे देश में चिंता का विषय है. ऐसे में जनहित याचिका पर सुनवाई सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही हो सकती है. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता की इस दलील को भी खारिज कर दिया.
हाथरस भगदड़ में गई 121 लोगों की जान
विशाल तिवारी के जरिए दायर याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में पांच सदस्यों वाली एक्सर्ट कमिटी का गठन किया जाए, जो हाथरस भगदड़ मामले की जांच करे. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई को सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. फुलरई गांव में हो रहे सत्संग में 2.5 लाख श्रद्धालु पहुंचे हुए थे, जबकि सिर्फ 80 हजार लोगों के इकट्ठा होने की इजाजत दी गई थी. यहां पर बाबा नारायण हरि उर्फ सूरजपाल जाटव का सत्संग हो रहा था.
भगदड़ में 121 लोगों की कुचले जाने और दम घुटने से मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए. यूपी पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच करना शुरू कर दिया.