सुप्रीम कोर्ट ने NEET के सफल अभ्यर्थियों को एमबीबीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने पेपर लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर नीट-यूजी 2024 की परीक्षा फिर से कराने के अनुरोध वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा है. अब अन्य याचिकाओं के साथ 8 जुलाई को मामले की सुनवाई होगी.
NEET-UG 2024: "Sanctity has been affected, so we need answers," Supreme Court to National Testing Agency
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— ANI Digital (@ani_digital) June 11, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा चूंकि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें NTA से जवाब चाहिए. NEET UG 2024 परीक्षा के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने की. याचिका में पूरे मामले की जांच SIT से कराने की मांग की गई है. साथ ही 5 मई को हुई NEET परीक्षा रद्द करने की मांग है, याचिका में दुबारा NEET परीक्षा कराने की मांग की गई है.
कांग्रेस, बीजेपी, लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों का प्रदर्शन
हाल ही में संपन्न हुई नीट यूजी परीक्षा के खिलाफ देशभर के कई छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इन परीक्षाओं में अनियमितता की बात कहते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. लेफ्ट समर्थित छात्र संगठनों ने भी मामले की निष्पक्ष और तुरंत जांच की मांग की है. नीट परीक्षा को लेकर कुछ ऐसा रूख कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई का भी है.
नीट यूजी परीक्षा-2024 के जारी किए गए परिणामों में आई व्यापक स्तर पर गड़बड़ी के खिलाफ सोमवार को दिल्ली के ओखला स्थित एनटीए के मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया गया. लेफ्ट समर्थित छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के समक्ष प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया. इन छात्रों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को भंग और परीक्षा की निष्पक्ष जांच करने की मांग केंद्र सरकार से की है. एनएसयूआई ने भी केंद्र सरकार से तुरंत मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
छात्रों ने क्या आरोप लगाया है?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 4 जून को नीट यूजी-2024 परीक्षा के परिणाम जारी किए थे और इसमें 67 छात्र टॉपर हैं. इसको लेकर छात्रों ने आरोप लगाया है कि रिजल्ट में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई है. छात्रों ने इसके अलावा कहा कि पहले नंबर के 7 छात्र तो हरियाणा के एक ही सेंटर से आते हैं. मामले को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल भी केंद्र सरकार को घेर रहे हैं.
एनटीए ने क्या कहा?
एनटीए ने अनियमितता के आरोप को नकराते हुए कहा है कि एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) पाठ्य पुस्तकों में बदलाव और परीक्षा केंद्र में समय जाया होने के लिए दिए गए ग्रेस नंबर अधिक अंक आने का कारण है.
हाल ही में एनटीए ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय ने ग्रेस नंबर पाने वाले 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है.