अवकाश प्राप्त शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और यूपी एटीएस की स्पेशल कोर्ट ने आतंकी मुजफ्फर और फैसल को फांसी की सजा सुनाई है। दोनों दोषी लखनऊ के ठाकुरगंज में एटीएस मुठभेड़ में मारे गए आतंकी सैफुल्लाह के साथी हैं। एनआईए कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाते हुए कहा कि हाई कोर्ट से पुष्टि हो जाने के बाद उन्हें फांसी दी जाएगी। कोर्ट ने दोषियों पर 11.70 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और जुर्माने की सारी रकम रमेश बाबू के आश्रितों को देने का आदेश दिया है। जिला मजिस्ट्रेट लखनऊ को आदेश दिया कि वह रमेश बाबू शुक्ला के परिजनों की पहचान सुनिश्चित करें, जिससे उन्हें क्षतिपूर्ति की धनराशि दी जा सके।
गौरतलब है कि कोर्ट में एनआईए के विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह, केके शर्मा और बृजेश कुमार यादव ने बताया कि इस मामले कि रिपोर्ट वादी अक्षय शुक्ला ने कानपुर के चकेरी थाने में 24 अक्टूबर 2016 को दर्ज कराई थी। सैफ़ुल्लाह, आतिफ और फैसल ने कानपुर के चकेरी में सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला के हाथ में कलावा देखकर और उनकी हिंदू पहचान सुनिश्चित हो जाने पर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एनआईए के विशेष न्यायाधीश ने आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल पर 10 सितम्बर 2018 को आरोप तय किया था। दोनों को 28 फरवरी को एनआईए कोर्ट एर अन्य मामले में फांसी की सजा सुना चुकी है। वहीं दोनों दोषी भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बम ब्लास्ट मामले के भी आरोपित हैं और यह मामला भोपाल की कोर्ट में चल रहा है।