कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं धीरज कुमार साहू। झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इनसे जुड़े करीब 10 ठिकानों पर आयकर विभाग (IT Department Raid) ने छापा मारा है। छापेमारी की कार्रवाई 6 दिसंबर 2023 को शुरू हुई जो अब तक जारी है। इस दौरान इतना कैश मिला है कि विभाग को ट्रक में लोड कर ले जाना पड़ा है।
रिपोर्टों के अनुसार दो दिन बाद भी नोटों की गिनती का काम पूरा नहीं हो पाया है। कुछ रिपोर्टों में अब तक 150 करोड़ तो कुछेक में 200 करोड़ रुपए की गिनती होने की बात कही गई है। कहा गया है कि कुल कैश करीब 300 करोड़ रुपए तक निकल सकता है।
रिपोर्ट यह भी बताते हैं कि 9 आलमारी मिली हैं जिनमें नोटों के बंडल भरे हुए थे। 8 दिसंबर को ऐसी ही कुछ आलमारी की तस्वीर भी सामने आई थी। इतनी बड़ी मात्रा में नकद मिली है कि पैसा गिनते-गिनते मशीन भी खराब हो जा रही हैं। कहा जा रहा है कि यह देश में वैध तरीकों से जब्त की गई अब तक की सबसे बड़ी रकम हो सकती है।
इतनी बड़ी मात्रा में नकद मिलना इसलिए भी चौंकाता है, क्योंकि 2018 के चुनावी हलफनामे में साहू ने अपने ऊपर 2.36 करोड़ रुपए का कर्ज बताया था। कुल संपत्ति 34 करोड़ बताई थी। 2016-17 में जो इनकम टैक्स रिटर्न भरा था, उसमें अपनी आमदनी एक करोड़ रुपए से कुछ ही अधिक बताई थी।
साहू का यह राज्यसभा में तीसरा कार्यकाल है। पहली बार वे जून 2009 में चुनकर आए। फिर 2010 और उसके बाद 2018 में तीसरी बार संसद के उच्च सदन में पहुँचे। वे झारखंड की चतरा सीट से दो बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। पर दोनों ही बार उन्हें हार मिली।
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने कॉन्ग्रेस सांसद की कंपनी के कई खातों को फ्रीज कर दिया है। इतनी बड़ी रकम की बरामदगी को देखते हुए केस में प्रवर्तन निदेशालय ईडी की एंट्री भी हो सकती है।
उल्लेखनीय है कॉन्ग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू और उनके रिश्तेदारों का शराब का बड़ा कारोबार है। बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज मूल रूप देशी शराब बनाने का काम करती है। इस धंधे में कंपनी करीब चार दशक से है। कंपनी का नाम धीरज साहू के पिता बदलेव साहू के नाम पर है। कॉन्ग्रेस सांसद के अलावा उनके परिवार के अन्य सदस्य भी कंपनी में शामिल हैं।