दिसंबर का महीना पूरा होने वाला है और नया साल शुरू होने वाला है. 1 फरवरी को सरकार की तरफ से अंतरिम बजट पेश किया जाएगा. इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट की बजाय अंतरिम बजट पेश करेंगी. परंपरा के अनुसार जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं, उस वर्ष केंद्र की तरफ से पूरे वित्तीय वर्ष की बजाय कुछ महीने के लिए बजट पेश किया जाता है. चुनाव होने के बाद नई सरकार की तरफ से पूर्ण बजट पेश किया जाता है. आइए जानते हैं अंतरिम बजट किसे कहते हैं और यह पूर्ण बजट से किस तरह अलग होता है?
अंतरिम बजट को सरकार की तरफ से तब पेश किया जाता है जब सरकार के लिए आम चुनाव के समय पूर्ण बजट पेश करना संभव नहीं होता. यह तब होता है जब सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में आम चुनाव होने वाले हो. अंतरिम बजट में सरकार वित्तीय वर्ष के बाकी हिस्से के लिए राजस्व और व्यय का अनुमान प्रस्तुत करती है. यह अनुमान आमतौर पर पूर्ण बजट के अनुरूप ही होता है, लेकिन इसमें कुछ बदलाव भी हो सकता है. अंतरिम बजट पेश करने के बाद परंपरा के अनुसार इसे अगली सरकार पर छोड़ दिया जाता है. नई सरकार के गठन के बाद आम बजट पेश किया जाता है.
पहली बार कब पेश हुआ अंतरिम बजट
देश में अंतरिम बजट पहली बार 1962-63 में मोरारजी देसाई की तरफ से पेश किया गया था. तब से भारत में कई बार अंतरिम बजट पेश किया जा चुका है. इससे पहले 2019 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली की तबियत खराब होने के कारण रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. अंतरिम बजट सरकार को वित्तीय वर्ष के बाकी बचे समय के लिए पैसे की व्यवस्था करने में मदद करना है.
अंतरिम बजट को सरकार की तरफ से तब पेश किया जाता है जब सरकार के लिए आम चुनाव के समय पूर्ण बजट पेश करना संभव नहीं होता. यह तब होता है जब सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में आम चुनाव होने वाले हो. अंतरिम बजट में सरकार वित्तीय वर्ष के बाकी हिस्से के लिए राजस्व और व्यय का अनुमान प्रस्तुत करती है. यह अनुमान आमतौर पर पूर्ण बजट के अनुरूप ही होता है, लेकिन इसमें कुछ बदलाव भी हो सकता है. अंतरिम बजट पेश करने के बाद परंपरा के अनुसार इसे अगली सरकार पर छोड़ दिया जाता है. नई सरकार के गठन के बाद आम बजट पेश किया जाता है.
पहली बार कब पेश हुआ अंतरिम बजट
देश में अंतरिम बजट पहली बार 1962-63 में मोरारजी देसाई की तरफ से पेश किया गया था. तब से भारत में कई बार अंतरिम बजट पेश किया जा चुका है. इससे पहले 2019 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली की तबियत खराब होने के कारण रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. अंतरिम बजट सरकार को वित्तीय वर्ष के बाकी बचे समय के लिए पैसे की व्यवस्था करने में मदद करना है.