लोकसभा चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है. भारत में इस बार 7 चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. 4 फेज की वोटिंग हो चुकी है. बाकी 3 चरणों में सभी उम्मीदवार ऐड़ी-चोटी तक का जोर लगा रहे हैं. लोकतंत्र के इस पर्व के रंग भी अनूठे हैं. आम आदमी से लेकर खास तक, सभी चुनावों में जोर-आजमाइश कर रहे हैं. दिल्ली की ही बात करें तो दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर दुकानदार, श्रमिक, फिटनेस ट्रेनर, फिल्मकार, धार्मिक गुरु, पुजारी, ट्यूशन शिक्षक, एलआईसी एजेंट, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, डॉक्टर और पत्रकार समेत विभिन्न क्षेत्रों के लोग चुनावी मैदान में हैं.
अलग-अलग क्षेत्रों के माहिर लोग तो चुनावी समर में हैं ही साथ ही अजब-गजब के नामों वाली राजनीतिक पार्टियां भी यहां देखने को मिल रही हैं. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बीएसपी और आम आदमी पार्टी जैसे नाम तो आपने सुने ही होंगे, लेकिन कभी सुना है ‘अंजान आदमी पार्टी’ के बारे में. सुना है ‘गरीब आदमी पार्टी’ के प्रत्याशी के बारे में. ‘हमारा सही विकल्प पार्टी’, ‘आपकी अपनी पार्टी’, ‘वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल’ और ‘लोग पार्टी’ जैसे अनोखे नाम वाले दलों ने दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य पर छाप छोड़ने की उम्मीद में अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. दिल्ली में 25 मई को मतदान होगा और मतगणना चार जून को की जाएगी.
दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में लगभग 52 छोटे दलों ने राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ कैंडिडेट्स खड़े किए हैं. इस चुनाव में घरेलू महिलाएं, पेंशनभोगी और रिटायर्ड व्यक्ति भी अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहे हैं. उनमें से अधिकतर की नजर जीत पर नहीं है, बल्कि उनका टारगेट बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी -आप जैसे राष्ट्रीय दलों के वोट बैंक से चंद वोट छीनना है.
अनपढ़ और बेरोजगार उम्मीदवार नंद राम बागड़ी (71) उत्तर-पश्चिम दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से ‘वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल’ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और उनके हलफनामे के अनुसार उसके पास मात्र 1,000 रुपए नकद हैं. बागड़ी का टारगेट चुनावी दौड़ में बीजेपी के योगेन्द्र चंदोलिया और कांग्रेस के उदित राज से आगे निकलना है.
उन्होंने कहा, ‘बीजेपी और कांग्रेस जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ती हैं, वे हमारे मुद्दे हैं, जिन्हें हमने बहुत पहले उठाया था. चाहे वह प्रत्येक नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा करने का वादा हो या मुफ्त बिजली एवं पानी देने का वादा हो.’’
‘भीम आर्मी’ प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद के राजनीतिक संगठन ‘आजाद समाज पार्टी’ के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव लड़ रही एकल मां और आठवीं कक्षा पास गृहिणी सीमा रिजवी (41) ने कहा कि उनका लक्ष्य बड़े दलों से मुस्लिम और दलित वोट अपने खाते में करना है.
रिजवी ने कहा, ‘भाजपा ब्राह्मणों, पंडितों और अन्य उच्च जाति के हिंदू समूहों को समर्पित पार्टी है, जबकि कांग्रेस मुसलमानों के वोट पर राजनीति करती है. इन दोनों दलों ने चांदनी चौक में मुसलमानों और दलितों के विकास के लिए कुछ नहीं किया. मैं केवल चुनावी लाभ के लिए इनका इस्तेमाल करने वाले इन दलों के वोट छीनना चाहती हूं.’
इस सीट से तीन बार सांसद रहे कांग्रेस के जे. पी. अग्रवाल चांदनी चौक से मैदान में हैं और भाजपा ने व्यवसायी प्रवीण खंडेलवाल को मैदान में उतारा है.
पश्चिमी दिल्ली से स्वतंत्र पत्रकार रमेश कुमार जैन भी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन वह अपने लिए वोट नहीं मांग रहे, बल्कि मतदाताओं को सही उम्मीदवार को मत देने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
रमेश कुमार जैन को ‘गरीब आदमी पार्टी’ ने मैदान में उतारा है. वह एक एलआईसी एजेंट के रूप में काम करते हैं, एक विज्ञापन-बुकिंग व्यवसाय के मालिक हैं और ‘जीवन का लक्ष्य’ नामक एक स्थानीय दैनिक समाचार पत्र कर संचालन करते हैं, जिसके माध्यम से वह पाठकों के लिए संदेश प्रसारित करते हैं.
जैन ने कहा, ‘मैं अपने लिए वोट नहीं मांगता. मैं सही उम्मीदवार को वोट देने के लिए लोगों को जागरुक कर रहा हूं. मैं उनसे कहता हूं कि उन्हें अपना वोट देने से पहले उम्मीदवार की पृष्ठभूमि, उनके आपराधिक रिकॉर्ड, उनकी विचारधारा और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करना चाहिए.’
आम आदमी पार्टी -आप के महाबल मिश्रा और भाजपा की कमलजीत सहरावत पश्चिमी दिल्ली सीट पर चुनावी लड़ाई में आमने-सामने हैं.