जब भी वजन कम करने की बात आती है तो लोग हेल्दी डाइट लेना और एक्स्ट्रा कैलोरी को बर्न करने की सलाह दी जाती है. कई लोग खाने के किसी सामान को खरीदने के पहले उसमें मौजूद शुगर, न्यूट्रिशन्स और कैलोरी को जरूर चेक करते हैं. बहुत से लोगों ने वजन कम करने और बढ़ाने के लिए कैलोरी बर्न या बढ़ाने के बारे में सुना होगा.
कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें कैलोरी के बारे में बहुत कम ही पता होगा. यहां तक की जो लोग वेट लॉस करते हैं उन्हें भी शायद इसके बारे में पूरी जानकारी होती है. लोग ये सोचते हैं कि इसके कम करने से वजन भी जल्दी कम हो जाएगा. ये बात ठीक है लेकिन कैलोरी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है. आइए जानते हैं इसके बारे में एक्सपर्ट से
क्या होती है कैलोरी?
हमारे शरीर को सही से कार्य करने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैलोरी की जरूरत होती है. कैलोरी जो है वो हमारे भोजन में जो एनर्जी होती है उसको मापने का एक यूनिट है. यानी की हम जो भी भोजन या जिस भी तरह के पेय पदार्थ कोई भी ड्रिंक्स हम लेते हैं, चाहे वो कार्बोहाइड्रेट, फैट या प्रोटीन हैं. इन सबके अंदर न्यूट्रिएंट्स होते हैं और ये अंदर जाकर हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं. कैलोरी का सोर्स कुछ भी हो वो शरीर के अंदर जाकर हमें एनर्जी देते हैं. ये हमारे शरीर के विभिन्न ऑर्गन और सिस्टम को ये शक्ति देते हैं.
कैलोरी ज्यादा होने पर क्या होता है?
फिटनेस एक्सपर्ट निकिता सिंह का कहना है कि हमें जितनी कैलोरी भोजन से मिलती है अगर हम उसका इस्तेमाल सही से नहीं करते हैं तो वो फैट के रूप में आपके शरीर में जाकर जमा हो जाएगी. जिसके कारण व्यक्ति मोटापे का शिकार हो सकता है. इसलिए बहुत ज्यादा कैलोरी का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे आपका वजन ज्यादा बढ़ सकता है. लेकिन अगर आप कम मात्रा में कैलोरी का सेवन करेंगे तो इससे आपका वजन तो कम होगा ही लेकिन आपको कमजोरी भी हो सकती है. इसलिए आपको सही मात्रा में कैलोरी का सेवन करना चाहिए.
हम अपने रोजाना के दिनचर्या में जो एक्टिविटी करते हैं. जिन चीजों का सेवन करते हैं, वर्कआउट करते हैं. उसके लिए हमें एनर्जी की जरूरत होती है. कैलोरी को ही हम एनर्जी कहते हैं. इसलिए एक्टिव रहने के लिए हमें हर दिन कैलोरी की जरूरत होती है. यहां तक की सोते समय भी कैलोरी की जरूरत होती है. क्योंकि हमारे किडनी, लिवर, डाइजेस्टिव सिस्टम और हार्ट जैसे सभी इंटरनल ऑर्गन्स सोने के समय भी वर्क करते हैं और इन सबके लिए भी कैलोरी की जरूरत होती है.
कैलोरी कम होने पर क्या होता है?
वजन कम करने के जुनून में हद से ज्यादा कैलोरी घटाना बहुत से लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. लोग वेट लॉस के लिए कम कैलोरी लेते हैं या फिर उसे बर्न करने के लिए ओवर वर्कआउट करते हैं. इससे शरीर को सही मात्रा में पोषण और एनर्जी नहीं मिलेगी. ऐसे में शरीर का निर्माण करने वाले टीशू को अगर पोषण नहीं मिलेगा तो वो कमजोर हो जाएंगे. जिसके कारण व्यक्ति के शरीर में बहुत सी बीमारियां और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. इसमें थकान, कमजोरी, अपच, कब्ज, हाथ-पैरों में दर्द ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
कैलोरी डेफिसिट किसे कहते हैं?
वजन कम करने के लिए आपको जितनी कैलोरी जलानी है, उससे कम खाने-पीने की जरूरत होती है. इसे कैलोरी डेफिसिट कहा जाता है. मान लीजिए किसी को 1800 कैलोरी की जरूरत है लेकिन वो 1500 कैलोरी ही ले रहा है. तो 300 कैलोरी कम हुई. उसके बाद वो व्यक्ति वर्कआउट भी कर रहा है. ऐसे में शरीर सबसे फैट से इसे लेना शुरु कर देगा. ऐसे में फैट लॉस होता है. क्योंकि 1500 कैलोरी ले रहे हैं जबकि बॉडी को जरूरत 1800 कैलोरी की है.
रोजाना कितनी मात्रा में कैलोरी लेकिन चाहिए?
हर दिन सही मात्रा में हमारे शरीर को कैलोरी की जरूरत होती है. जैसे कि महिलाओं को दिन में 1800 कैलोरी लेनी चाहिए. वहीं पुरुषों को एक दिन में 2000 कैलोरी जरूर लेनी चाहिए. लेकिन अगर किसी के शरीर को उसकी जरूरत के मुताबिक कैलोरी नहीं मिल पा रही है तो बॉडी फैट से उसे लेने शुरु कर देती है और अगर बॉडी में फैट न हो तो फिर मसल्स और जरूरी फैट से शरीर इसे लेने लगता है. जिसकी वजह से व्यक्ति के शरीर में कमजोरी आने लगती है. इसलिए हर दिन बॉडी की जरूरत के मुताबिक कैलोरी लेना बहुत जरूरी है.
कैलोरी व्यक्ति को कितनी मात्रा में लेनी चाहिए. ये उसकी उम्र और काम पर भी निर्भर करता है. जैसे कि बच्चे को दूध पिलाने वाली महिला को ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती है. जिसका अलग डाइट चार्ट बनाया जाता है. साथ ही जो लोग जिम जाते हैं और ज्यादा वर्कआउट या योग करते हैं. उनकी कैलोरी की जरूरत अलग होती है. साथ ही अगर व्यक्ति को किसी तरह की बीमारी है जैसे कि थायराइड, पीसीओडी, डायबिटीज या किसी तरह की दूसरी बीमारी है तो उनके शरीर में कैलोरी की जरूरत अलग होती है.
हेल्दी और फिट रहने के लिए कैलोरी का सेवन करना बहुत जरूरी है. इसलिए अपनी उम्र, प्रकृति और प्रोफेशन के अनुसार ही डाइट लें. साथ ही किसी की देखा-देखी डाइट न फॉलो करें. साथ ही वजन को नियंत्रित और फिट रहने के लिए नियमित व्यायाम भी करना जरूरी है. जिससे ये फैट से रूप में जमा न हो पाए. लेकिन अगर इसके बाद भी वजन बढ़ रहा है तो एक बाद एक्सपर्ट से जरूर सलाह करें.
आपके शरीर पर कैलोरी का प्रभाव
वजन को कंट्रोल करने में सहायक
आहार से कैलोरी लेना और उसे एनजीं के रूप में वर्न करने के वीच संतुलन सीधे शटीर के वजन को प्रभावित करता है। शरीर की आवश्यकता से अधिक कैलोरी का सेवन करने से वजन वढ़ता है, जबकि कैलोरी की कमी से वजन घटता है। स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए केलोरी सेवन ओर वर्न करने पर ध्यान देना आवश्यक है।
एनर्जी लेवल
केलोरी का सेवन शरीर के एनर्जी लेवल और आपकी कंप्लीट हेल्थ को प्रभावित करता है। लगातार पर्याप्त कैलोरी का सेवन करने से आप पूरा दिन एनर्जेटिक रहते है। जबकि, कम कैलोरी लेने से आपको थकान, लुम्ती ओर कमजोरी महसूस हो सकती है।
हड्डी को मजबूत बनाए
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त केलोटरी का सेवन आवश्यक है, क्योंकि वोन डेनसिटी को बनाए रखने के लिए एनर्जी की आवश्यकता होती है। यदि आप पोषक तत्वों का सेवन नहीं करते हैं, तो इससे हड्डिया कमजोर हो सकती है।
इम्यून फंक्शन
कैलोरी का सेवन प्रतिरक्षा कार्य (इम्यून फंक्शन) के लिए जरूरी होता है। इससे संक्रमण और वीमारियों से बचाव होता है। कम कैलोरी का सेवन व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है। इससे व्यकित को इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।
मेटाबॉलिक रेट
केलोरी का सेवन मेटावॉलिक रेट (metabolic rate) को प्रभावित कर सकता है। मेटावोलिक रेट सही होने से केलोरी वर्न तेजी से होता है। लगातार केलोरी युक्त आहार खाने से मेटाबॉलिक रेट स्लो हो सकता है। इससे वजन कम करना मुश्किल हो जाता है।