उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। यह निर्णय गुरु रविदास जयंती के अवसर पर लिया गया है। इससे पहले यह एक निर्बंधित (रिस्ट्रिक्टेड) अवकाश था, जिसे कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार ले सकते थे, लेकिन अब इसे निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत सार्वजनिक अवकाश बना दिया गया है।
छुट्टी से प्रभावित सेवाएँ:
✅ सभी सरकारी कार्यालय
✅ स्कूल, कॉलेज
✅ बैंक और कोषागार
दिल्ली में भी अवकाश:
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने भी गुरु रविदास जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था।
गुरु रविदास: एक संक्षिप्त परिचय
🔹 जन्म: 15वीं शताब्दी, वाराणसी के गोवर्धनपुर गाँव में
🔹 पेशा: प्रारंभ में जूते बनाने का कार्य किया, लेकिन बाद में संत और समाज सुधारक बने
🔹 सिद्धांत: समानता, जाति-पाति का विरोध, भक्ति और आध्यात्मिकता
🔹 मुख्य शिक्षा: “मन चंगा तो कठौती में गंगा” – यानी पवित्रता बाहरी नहीं, बल्कि मन की होती है
🔹 अनुयायी: रविदासिया समुदाय, सिखों और भक्ति आंदोलन के अनुयायी
🔹 संभावित खतरे: मुगलों ने उन्हें इस्लाम कबूलने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया
12 फरवरी का धार्मिक महत्व
✅ इस वर्ष माघ पूर्णिमा भी 12 फरवरी को है, जो प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है।
✅ इस दिन भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुँचते हैं।
राजनीतिक और सामाजिक संदेश
गुरु रविदास जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने से योगी सरकार ने समाज के वंचित वर्गों और रविदासिया समुदाय को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इसके माध्यम से सरकार सामाजिक समरसता और सम्मान को बढ़ावा देना चाहती है।
यह निर्णय धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में जहाँ अनुसूचित जाति समुदाय की बड़ी आबादी है।