उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में मांस की दुकानों पर प्रतिबंध लगाए जाने का फैसला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है। अयोध्या, राम जन्मभूमि और हिंदू आस्था का प्रमुख केंद्र होने के कारण, स्थानीय प्रशासन इस क्षेत्र को पूर्णतः “सात्त्विक नगर” के रूप में विकसित करने की दिशा में अग्रसर है।
मुख्य बातें:
- राम पथ, 14 कोसी परिक्रमा मार्ग, और पंचकोसी मार्ग जैसे धार्मिक मार्गों पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- इन तीन प्रमुख धार्मिक मार्गों पर कुल 22 मांस की दुकानें पाई गईं, जिन्हें 7 दिनों के भीतर हटाने का आदेश दिया गया है।
- नोटिस मिलने के बाद कार्रवाई नहीं करने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
- अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने संकेत दिया कि शराब पर भी जल्द प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
- यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में मांस की दुकानों को लेकर आई शिकायतों के बाद लिया गया।
प्रशासनिक दृष्टिकोण:
- खाद्य एवं उर्वरक आयुक्त मानिक चंद ने बताया कि एक विशेष टीम ने धार्मिक मार्गों पर निरीक्षण कर यह रिपोर्ट सौंपी।
- मुख्य उद्देश्य है कि अयोध्या को एक धार्मिक नगरी के रूप में संरक्षित किया जाए, जहाँ धार्मिक आस्था के अनुरूप माहौल बना रहे।
व्यापक संदर्भ:
- इस तरह के प्रतिबंध पहले भी काशी, मथुरा, और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थलों पर लगाए गए हैं।
- यह पहल एक संस्कृति-संवेदनशील प्रशासनिक नीति के रूप में देखी जा रही है, जो तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावना को ध्यान में रखती है।