उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे से ठीक पहले 500 किलो अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक विस्फोटक पदार्थ की बरामदगी और 70 संदिग्धों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। यह घटना राज्य की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंगलवार को नेपाल सीमा से सटे बहराइच के चित्तौरा क्षेत्र में दौरा निर्धारित है। लेकिन दौरे से एक दिन पहले ही जिले के हरदी थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव के पास संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली। गांव के पास तीन गाड़ियों में सवार करीब 200 लोग पहुंचे और खुद को एक तेल कंपनी के सर्वे से जुड़ा हुआ बताया। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से कहा कि वे भेड़िए की तलाश में आए हैं, लेकिन उनकी गतिविधियां संदिग्ध लगने लगीं जब उन्होंने आसपास के गांवों — जैसे बालासराय, लखनापुर, सधुवापुर, सिकंदरपुर और औराही — में 20 किलोमीटर के दायरे में बोरिंग कर के विस्फोटक सामग्री बिछाना शुरू कर दिया।
इस पर स्थानीय लोगों ने तत्काल महसी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश्वर सिंह को सूचित किया, जो तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री एक गाड़ी में लदी हुई है। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन आरोप है कि पहले तो कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। बाद में जब सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई तो एसडीएम, एसपी, एडीएम समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई शुरू की। विधायक सुरेश्वर सिंह ने आरोप लगाया कि मौके पर मौजूद थानाध्यक्ष, बरामद विस्फोटक और गाड़ियों को बिना जांच के छोड़ने का दबाव ग्रामीणों पर बना रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री के दौरे से ठीक पहले इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक की बरामदगी को किसी बड़ी साजिश का हिस्सा बताया है।
वहीं, बहराइच के एएसपी (ग्रामीण) डीपी तिवारी ने जानकारी दी कि अब तक 70 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें अधिकांश पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। इस घटनाक्रम को लेकर सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 42वीं वाहिनी के कमांडेंट गंगा प्रसाद ने पहले ही इनपुट दिया था कि नेपाल सीमा के रास्ते से 37 संदिग्ध लोग बहराइच में प्रवेश कर सकते हैं, जिनमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए शामिल हो सकते हैं। यह इनपुट अब बेहद सटीक साबित होता दिख रहा है।
इस पूरे मामले ने प्रदेश की सुरक्षा और सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रही संदिग्ध गतिविधियों पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा को लेकर भी यह एक बड़ा खतरा माना जा रहा है। केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस घटना की गहन जांच कराई जा रही है और एनआईए (NIA) तथा एटीएस (ATS) जैसी एजेंसियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। यह घटना न केवल एक संभावित आतंकी साजिश की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि देश विरोधी ताकतें अब ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों को भी अपना ठिकाना बना रही हैं, जिन्हें लेकर सरकार और एजेंसियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।