बलिया जिले की यह घटना उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था और सरकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करती है। छात्रों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप, विशेष रूप से एक सरकारी योजना के तहत निःशुल्क “O लेवल” कोर्स में, बेहद चिंताजनक हैं। इस पूरे मामले की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
क्या है मामला?
- स्थान: बलिया, उत्तर प्रदेश
- प्रशिक्षण केंद्र: A.M.S कंप्यूटर इंस्टिट्यूट, बेल्थरारोड
- कार्यक्रम: पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से निःशुल्क O-लेवल कंप्यूटर कोर्स
- आरोप:
- प्रैक्टिकल परीक्षा में पास कराने के लिए ₹5000 की मांग।
- पैसा न देने पर 80% से अधिक छात्र-छात्राओं को फेल कर दिया गया।
- धमकी दी गई कि “पैसा नहीं दोगे तो फेल कर देंगे।”
छात्रों का विरोध प्रदर्शन:
- स्थान: जिलाधिकारी कार्यालय, बलिया
- संख्या: सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं
- मांगें:
- निष्पक्ष जांच कराई जाए
- दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो
- सभी छात्रों को न्याय मिले
- फेल किए गए छात्रों का पुनर्मूल्यांकन या पुनः परीक्षा कराई जाए
इस प्रकरण के गंभीर पहलू:
- सरकारी योजना में भ्रष्टाचार का आरोप:
- यह मामला सीधे पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की योजनाओं की साख से जुड़ा है।
- प्रशिक्षण संस्थानों की मनमानी:
- ऐसे संस्थान सिर्फ लाभ उठाने के लिए नामांकन लेते हैं और फिर छात्रों से जबरन वसूली करते हैं।
- शिक्षा में भय और असमानता:
- गरीब और पिछड़े तबके के छात्र जो इस कोर्स से रोजगार की उम्मीद करते हैं, उनके साथ अन्याय हुआ है।
क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
✅ तत्काल जांच समिति का गठन किया जाए — जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षा विभाग व तकनीकी संस्थान के स्वतंत्र विशेषज्ञ हों।
✅ परीक्षा केंद्र AMS कंप्यूटर इंस्टिट्यूट की मान्यता निलंबित या रद्द की जाए जब तक जांच पूरी न हो।
✅ प्रैक्टिकल परीक्षाओं का ऑडिट किया जाए और फेल छात्रों को पुनः निष्पक्ष परीक्षा का अवसर दिया जाए।
✅ पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को जवाबदेह ठहराया जाए — कि उसने प्रशिक्षण संस्थान की निगरानी क्यों नहीं की।
✅ शिक्षा माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो — IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 384 (जबरन वसूली), और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत।
बड़ा सवाल:
यदि यह मामला सिर्फ बलिया तक सीमित नहीं है, तो यह पूरे उत्तर प्रदेश में संचालित सरकारी कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पारदर्शिता को लेकर एक चेतावनी है।