अमेठी जिले के मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के औरंगाबाद गांव में 120 साल पुराने पंच शिखर शिव मंदिर को लेकर विवाद सामने आया है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि एक विशेष समुदाय के कुछ लोगों ने मंदिर पर जबरन कब्जा कर लिया है और पिछले 20 वर्षों से इस ऐतिहासिक मंदिर में पूजा-अर्चना पर रोक लगा दी गई है।
ग्रामीणों का दावा
ग्रामीणों के अनुसार, यह मंदिर लगभग 120 साल पहले गांव के एक दलित परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। मंदिर क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था और सांस्कृतिक पहचान का केंद्र रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर पर विशेष समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया है, जिससे उनकी पूजा करने की आज़ादी छिन गई है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो दशकों से यहां पूजा-अर्चना बंद है और मंदिर का रखरखाव भी नहीं हो रहा है। इस स्थिति ने गांव के हिंदू समुदाय के लोगों में गुस्सा और आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीण अपनी धार्मिक स्वतंत्रता की बहाली के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
प्रशासन के समक्ष ग्रामीणों की मांग
इस विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री अतुल सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने एसडीएम प्रीति तिवारी को शिकायती पत्र सौंपा। उन्होंने मांग की कि मंदिर पर से कब्जा हटाया जाए और वहां पूजा-अर्चना पुनः शुरू हो। ग्रामीणों ने प्रशासन से मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन का कहना
एसडीएम प्रीति तिवारी ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच तहसीलदार से करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले संभल में भी एक मंदिर को लेकर इसी तरह का विवाद सामने आया था।