महाकुंभ मेला क्षेत्र में भगदड़ की घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ सख्त कदम उठाए हैं। इन उपायों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित तरीके से यात्रा करने का अवसर मिले, और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मेला क्षेत्र में भीड़ के प्रबंधन के लिए उठाए गए प्रमुख कदम:
- नो-व्हीकल जोन: मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है, जिससे केवल पैदल श्रद्धालुओं का ही प्रवेश हो सके।
- VVIP पास रद्द: वीवीआईपी पासों को रद्द कर दिया गया है ताकि किसी को भी विशेष प्राथमिकता ना मिले और सभी श्रद्धालुओं के लिए समान अवसर सुनिश्चित किया जा सके।
- वन-वे रूट: श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए वन-वे ट्रैफिक रूट सिस्टम लागू किया गया है, जिससे रास्ते की भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
- बाहरी वाहनों के लिए नो एंट्री: प्रयागराज के पड़ोसी जिलों से आने वाले वाहनों को मेला क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका जा रहा है, ताकि भीड़ कम हो और यातायात व्यवस्थित रहे।
- 4 फरवरी तक प्रतिबंध: मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर 4 फरवरी तक पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही ड्रोन और हेलीकॉप्टर के माध्यम से मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।
इसके अलावा, कुंभ मेला 2019 के दौरान प्रयागराज के मंडलायुक्त रहे आशीष गोयल और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भानु गोस्वामी को भी इस महाकुंभ में तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन अधिकारियों के अलावा 5 विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को भी मेला ड्यूटी पर तैनात किया है, जो 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे।
इन कड़े कदमों के बावजूद, श्रद्धालुओं की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है, और मेले में श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है। सरकार की तरफ से किए गए उपाय मेला क्षेत्र की व्यवस्था को बेहतर बनाने और आने वाली अन्य घटनाओं को रोकने में मदद करेंगे।