महाकुंभ में आज बसंत पंचमी का अमृत स्नान चल रहा है. लाखों साधु-संत और श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगा रहे हैं. सुबह तय समय पर नागाओं ने अमृत स्नान किया. मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले हुई भगदड़ के बाद इस बार सुरक्षा के खास इंतजाम मेला क्षेत्र में किए गए हैं. 12 किलोमीटर में फैले घाट एरिया को कई भागों में बांटा गया है और लोगों को नजदीकी घाटों पर ही स्नान करने की सलाह दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह 3 बजे से ही आला अधिकारियों के साथ वॉर रूम में बैठकर पल-पल का अपडेट ले रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति ने से बात करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं से अपील है कि वह संगम में स्नान करने के बजाय बनाए गए घाट पर डुबकी लगाएं, क्योंकि पूरा क्षेत्र ही संगम क्षेत्र कहलाता है.
Prayagraj, Uttar Pradesh: Laxmi Narayan Tripathi Kinnar Akhada Mahamandaleshwar says, "Today is Basant Panchami, and today we witness the beautiful form of Lord Surya Narayan. The festival of Holi is beginning with the worship of Goddess Saraswati…" pic.twitter.com/Vu3MNWrAFt
— IANS (@ians_india) February 3, 2025
सुबह 3 बजे ही वॉर रूम में अधिकारियों के साथ बैठ गए थे योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह साढ़े तीन बजे से अपने सरकारी आवास स्थित वॉर रूम में डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ बसंत पंचमी के अमृत स्नान का लगातार अपडेट ले रहे हैं और आवश्यक निर्देश दे रहे हैं. इस मौके पर अलग-अलग अखाड़े तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार, संगम पहुंच रहे हैं.
#MahaKumbhMela2025 | Chief Minister Yogi Adityanath has been continuously taking updates on the 'Amrit Snan' of Basant Panchami and giving necessary instructions to the DGP, Principal Secretary Home and officers of the Chief Minister's Office, at the war room of his official… pic.twitter.com/ye0Z1bNVB5
— ANI (@ANI) February 3, 2025
महामंडलेश्वर मां भगवती पुरी ने जानिए बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर क्या कहा
Prayagraj, Uttar Pradesh: Mahamandaleshwar Guru Maa Bhagwati Puri says, "Today's Amrit Snan was very well organized, and special appreciation is due to the administration for their efforts. Basant Panchami marks the beginning of the spring season and is also dedicated to Goddess… pic.twitter.com/93Gwn7hyfc
— IANS (@ians_india) February 3, 2025
बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए ये खास इंतजाम
- प्रयागराज में भारी वाहनों की एंट्री रोक दी है. मेले में 2 और 3 फरवरी को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है.
- बसंत पंचमी के अमृत स्नान को लेकर आज और कल VVIP मूवमेंट को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.
- 7200 से अधिक बसें चलाने का आदेश है. वाहन पार्किंग संख्या भी बढ़ाई गई है.
- मेले में साइनेज की संख्या बढ़ाई गई है. श्रद्धालुओं को सभी घाटों पर स्नान करने के लिए प्रेरित करने को कहा गया है.
- मेले में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है. कंट्रोल रूम में दो विशेष अधिकारियों को तैनात किया गया है.
- महाकुंभ का लगातार एरियल सर्वे भी किया जाएगा ताकि भीड़ का अंदाजा लग सके.
‘पूरा क्षेत्र ही संगम क्षेत्र, कहीं भी लगाएं डुबकी’
बसंत पंचमी के अवसर पर हो रहे तीसरे अमृत स्नान में 5 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है. आम श्रद्धालुओं से पहले नागा साधु और संत स्नान कर रहे हैं. सुबह सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा अमृत स्नान कर रहा है. इस बीच लोगों को महाकुंभ में साधु-संतों के आशीर्वाद लेने चाहिए ना की रील बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. महामंडलेश्वर साधवी निरंजन ज्योति ने कहा कि महाकुंभ में सरकार ने दिव्य व्यवस्था की है ऐसे में श्रद्धालुओं को बढ़-चढ़कर के इस आस्था के संगम में डुबकी लगानी चाहिए. इस दौरान साध्वी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वह संगम में स्नान करने के बजाय बनाए गए घाट पर डुबकी लगाएं, क्योंकि पूरा क्षेत्र ही संगम क्षेत्र कहलाता है.
Prayagraj, Uttar Pradesh: Sadhus taking a holy dip at the ghats of Triveni Sangam for the 'Amrit Snan' on the occasion of Basant Panchami pic.twitter.com/99a19fck3v
— IANS (@ians_india) February 2, 2025
श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में भी कोई कमी नहीं
परंपरा के अनुसार, सभी अखाड़े अपने-अपने क्रम से पवित्र संगम में अमृत स्नान कर रहे हैं. अखाड़ों के सभी पदाधिकारियों, महंत, अध्यक्ष, मंडलेश्वरों, महामंडलेश्वरों के रथ, हाथी, घोड़ों, चांदी के हौदों की साज-सज्जा फूल, माल और तरह-तरह के आभूषणों से की जा रही है. महामंडलेश्वरों के रथों पर भगवान की मूर्तियां, शुभ चिन्हों, पशु-पक्षियों, कलश आदि का अलंकरण किया जा रहा है. नागा और बैरागी संन्यासी मध्य रात्रि से तन पर भस्म रमा कर अखाड़ों की धर्म ध्वजा और ईष्ट देव का पूजन कर रहे हैं. समय और क्रम के अनुसार, सभी अखाड़े अपने ईष्ट देवों की पालकियां लेकर संगम की ओर प्रस्थान करेंगे. उनके साथ मंडलेश्वरों और महामंडलेश्वरों के रथ और घोड़ों के साथ उनके भक्तगण भी अमृत स्नान कर रहे हैं. महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान को लेकर श्रद्धालुओं के जोश और उत्साह में भी कोई कमी नहीं है. 1 फरवरी से ही करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ में पवित्र स्नान करने प्रयागराज आ रहे हैं. बसंत पंचमी के पर्व पर 5 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है. भीड़ प्रबंधन के लिए प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से पूरी मुस्तैदी से मेला क्षेत्र में कार्यरत है. जगह-जगह रूट डायवर्जन और बैरिकेडिंग का प्रयोग किया जा रहा है. आने और जाने के एकल मार्ग की योजना से श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचाया जा रहा है. स्नान कर स्टेशन और बस अड्डों की ओर लौटने के लिए अलग मार्गों का प्रयोग किया जा रहा है.