अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. उसके साथ ही वहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में जबर्दस्त उछाल देखा गया है. होटल इंडस्ट्री से जुड़े बिजनेस मैन का कहना है कि धार्मिक पर्यटकों की संख्या बढ़ने से अयोध्या में अगले पांच वर्षों में विभिन्न कैटेगरी के 50 से 100 होटल शुरू होने की संभावना है. होटल इंडस्ट्री की बॉडी एचएआई का मानना है कि अयोध्या को सिर्फ धार्मिक पर्यटन के नजरिये से नहीं बल्कि इसे भारत का वेटिकन बनाने के एक अवसर के रूप में भी देखा जाना चाहिए.
भारत की वेटिकन सिटी बनेगी अयोध्या नगरी
भारतीय होटल संघ (HAI) के उपाध्यक्ष के बी कचरू ने कहा कि हमारे पास यह मौका है कि हम अयोध्या को धार्मिक पर्यटन के नजरिए से नहीं बल्कि इसे भारत का वेटिकन जैसा बनाने के एक अवसर के रूप में देखें. अगर लोग इटली या रोम जाते हैं तो चाहे वे किसी भी वर्ग से ताल्लुक रखते हों, वे वेटिकन जरूर जाते हैं. काचरू ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अयोध्या को पूरी दुनिया के समक्ष इस तरह पेश किया गया है कि इसे लेकर लोगों की दिलचस्पी कई गुना बढ़ी है.
हाई क्वालिटी मल्टीमीडिया शैक्षिक सामग्री
विदेश मंत्रालय ने अयोध्या शोध संस्थान को लिखा पत्र, रामायण इन्साइक्लोपीडिया समेत अयोध्या के विकास पर कई अहम सुझाव दिए हैं। इस पत्र में रामायण और भगवान राम के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित ऐसी हाई क्वालिटी मल्टीमीडिया शैक्षिक सामग्री विकसित किये जाने की सलाह दी गई है जिसमें दार्शनिकता, ऐतिहासिकता, कलात्मकता के साथ तकनीक का भी समावेश हो। साथ ही यूरोप, लैटिन अमेरिका, मध्य एशिया के देशों के साथ मिलकर भगवान राम की पूरी जीवनगाथा से जुड़ी मूर्तियों, स्मारकों, साहित्य, कला आदि पर विस्तृत शोध और सर्वे तथा अनुवाद का भी सुझाव दिया गया है।
धार्मिक कट्टरता व मौजूदा जीवन की जटिलताओं का मिलेगा जवाब
रामायण की थीम पर आधारित देश और विदेश में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही धार्मिक अतिवाद, असहिष्णुता, के साथ ही वर्तमान जीवन में नई पीढ़ी के सामने दरपेश पर्यावरण, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक चुनौतियों का सामना करने के लिए भगवान राम की जीवनगाथा को सामयिक व प्रासगिक बनाती हुई कुछ नई प्रस्तुतियां करवाने का भी सुझाव दिया गया है।
वेटिकन सिटी की तर्ज पर हो विकास
पत्र में सुझाव दिया गया है कि रामायण इन्साइक्लोपीडिया के लिए अयोध्या के बहुआयामी पक्षों को समाहित करने वाली प्रासंगिक सूचनाएं, सामग्री को संजोते हुए अयोध्या को भारतीय धर्म, अध्यात्म, संस्कृति के मूर्त-अमूर्त स्वरूप के नाड़ीतंत्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। पत्र के अनुसार वेटिकन सिटी जैसे दुनिया के अन्य प्रमुख धार्मिक शहरों की ही तरह अयोध्या को भी भगवान राम और रामकथा से जुड़े हस्तशिल्प, स्मारक, रिप्लिका के हब के रूप में एक ब्रांड बनाया जाए।
ये है पूरा प्लान
उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसा लग रहा है कि अगर वे भारत जा रहे हैं तो उन्हें अयोध्या भी जाना चाहिए. इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी ब्रांडेड होटल कंपनियां इस शहर में वृद्धि को लेकर आशान्वित हैं. इस मौके पर एचएआई के अध्यक्ष पुनीत चटवाल ने कहा कि अब अयोध्या का समय आ चुका है और इसे कोई भी रोक नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि अगले तीन से पांच वर्षों में अयोध्या के भीतर 50 से लेकर 100 होटल तक बनाए जाएंगे.