प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ की तैयारियों के बीच अखिल भारतीय संत समिति ने कुंभ क्षेत्र में कुछ कड़े नियम लागू करने की मांग की है। संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने अपने बयान में कहा कि महाकुंभ में मुस्लिम दुकानदारों, खासकर “कट्टरपंथी” कहे जाने वाले समूहों, को व्यापार करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कुंभ क्षेत्र में 50 किलोमीटर के दायरे में नए दुकानदारों को अनुमति न देने की भी बात कही।
स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा और प्राचीन धार्मिक आयोजन है, जहाँ आने वाले कल्पवासी पवित्रता का पालन करते हैं, ठंड में स्नान करते हैं, और कठोर तप का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में पवित्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है, और इसी कारण से उन समूहों को मेले में व्यापार करने से रोका जाना चाहिए, जिनकी पवित्रता पर सवाल उठ सकते हैं।
महाकुंभ के लिए लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुँचने की संभावना जताई गई है, इसलिए आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। संत समिति का मानना है कि यह प्रतिबंध सुरक्षा और धार्मिक मर्यादा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
#Prayagraj: महाकुंभ क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की दुकानों को लेकर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा है कि #कुंभ परिक्षेत्र के 50 किलोमीटर के दायरे में मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानें स्वीकार्य नहीं हैं। #Mahakumbh2025 pic.twitter.com/BTaW5WydDS
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) November 8, 2024
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ के संबंध में विशेष मांगें रखते हुए कहा कि कुंभ क्षेत्र की 50 किलोमीटर की परिधि में किसी भी नए दुकानदार को व्यापार करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने हलाल सर्टिफाइड उत्पादों का भी विरोध करते हुए कहा कि ये उत्पाद, चाहे किसी भी धर्म के व्यापारी बेच रहे हों, कुंभ क्षेत्र में स्वीकार्य नहीं होने चाहिए।
स्वामी जितेंद्रानंद ने यह भी कहा कि ‘थूकलीगी गैंग’ कहे जाने वाले किसी भी समूह का सामान कुंभ क्षेत्र में नहीं बिकना चाहिए और न ही उन्हें मेले में किसी प्रकार की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे को हिंदू समाज की धार्मिक पवित्रता और सुरक्षा से जोड़ते हुए, राज्य सरकार से मांग की कि महाकुंभ के आयोजन को हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुरूप बनाए रखा जाए।
धीरेंद्र शास्त्री ने भी इस मुद्दे पर संत समिति का समर्थन किया है और गैर-हिंदू दुकानदारों की मेले में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने की माँग की है। संतों ने अपने बयान में कहा है कि यह कुंभ मेले की पवित्रता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।