आगामी लोक सभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए भाजपा मुसलमानों के बीच जाकर उनसे संवाद करेगी। इस संवाद के माध्यम से पार्टी मुस्लिमों, खासतौर पर पसमांदा (पिछड़े) मुसलमानों को अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए मोदी सरकार की ओर से संचालित की जाने वाली योजनाओं और समुदाय को उनसे हुए लाभ के बारे में बताएगी।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा इस उद्देश्य से पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा शुरू करेगा। देश के 11 राज्यों से गुजरने वाली यह यात्रा उप्र में सबसे लंबी दूरी तय करेगी। मुस्लिम समुदाय को विशेष संदेश देने के लिए भाजपा ने इस यात्रा को देश के मिसाइल मैन कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम से जोड़ा है। कलाम की पहचान विकास और राष्ट्र के उत्थान को समर्पित मुस्लिम समाज के प्रगतिशील चेहरे के तौर पर रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार को डा. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर इस यात्रा को नई दिल्ली में हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह यात्रा 11 राज्यों के अल्पसंख्यक बहुल जिलों से गुजरने के बाद 27 अक्टूबर को पूर्व राष्ट्रपति के जन्मदिवस पर समाप्त होगी। पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा एक अगस्त को गाजियाबाद से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी और गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर होते हुए सात अगस्त को लखनऊ पहुंचेगी।
प्रदेश में यात्रा का नेतृत्व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली करेंगे। उप्र में यात्रा के प्रभारी कुंवर बासित अली ने बताया कि गाजियाबाद से लखनऊ तक की यात्रा के दौरान लगभग दो दर्जन लोक सभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से जनसभाएं आयोजित की जाएंगी।
इन जनसभाओं के जरिये पार्टी मुस्लिम समुदाय, विशेष तौर पर पसमांदा मुसलमानों से संवाद कर उनके जीवन में बेहतरी लाने के लिए केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार की ओर से किये गए प्रयासों की जानकारी देगी। भाजपा को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच विपक्षी दलों की ओर से फैलाई जा रहीं भ्रांतियों को दूर करना भी यात्रा का एक और प्रमुख उद्देश्य होगा।
कुंवर बासित अली के मुताबिक उप्र में पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा उप्र में लगभग ढाई दर्जन जिलों से गुजरेगी। उन्होंने बताया कि लखनऊ के आगे यात्रा का रूट अभी तय किया जाना बाकी है लेकिन इसमें बाराबंकी, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, अंबेडकरनगर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर और गोरखपुर जैसे जिले शामिल होंगे जिनमें अल्पसंख्यकों की खासी आबादी है। इन जिलों से संबंधित लोक सभा क्षेत्रों में भी जनसभाएं आयोजित की जाएंगी।