मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को स्पष्ट करते हुए यह दर्शाया कि किस प्रकार धार्मिक आयोजन न केवल आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी व्यापक रूप से बढ़ावा देते हैं। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या, काशी, और प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों का पुनरुत्थान हुआ है, जिसने देश की आर्थिक वृद्धि में अहम योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ पर उंगली उठाने वालों को करारा जवाब देते हुए कहा कि जो लोग आयोजन को व्यर्थ मानते हैं, वे अर्थव्यवस्था की वास्तविक समझ नहीं रखते। उन्होंने बताया कि महाकुंभ पर सरकार द्वारा किए गए ₹7500 करोड़ के निवेश से ₹3.5 लाख करोड़ तक की आर्थिक वृद्धि संभव हो रही है। प्रयागराज, अयोध्या, काशी, चित्रकूट, गोरखपुर और नैमिषारण्य जैसे धार्मिक स्थलों के बुनियादी ढांचे के विकास ने न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा दी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति दी।
योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक संख्या का उल्लेख करते हुए बताया कि इस बार आयोजन के 36 दिनों में ही 53 करोड़ लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 28 से 30 जनवरी के बीच ही 15 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। इसके चलते परिवहन और पर्यटन क्षेत्र को भी उल्लेखनीय बढ़ावा मिला है—हर दिन सैकड़ों मेला स्पेशल ट्रेनों, 14,000 बसों और 700 से अधिक चार्टर फ्लाइट्स का संचालन किया गया।
मुख्यमंत्री ने ‘स्पिरिचुअल टूरिज्म’ को भी प्रमुख आर्थिक कारक बताया और प्रयागराज में द्वादश ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति निर्माण के उदाहरण को साझा किया, जहां 14 करोड़ रुपये के निवेश से 21 दिनों में ही मूलधन समेत मुनाफा कमा लिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहलें लाखों लोगों को रोजगार दे रही हैं और यूपी की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की ‘वोकल फॉर लोकल’ नीति और यूपी सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना ने राज्य के परंपरागत उद्योगों को पुनर्जीवित किया है। मुरादाबाद का ब्रास उद्योग, वाराणसी और भदोही का कार्पेट सेक्टर, और फिरोजाबाद का ग्लास उद्योग अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने यूपी की बदलती छवि पर जोर देते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षों में राज्य ने निवेश, कानून-व्यवस्था, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में अभूतपूर्व सुधार किए हैं। आज यूपी देश का प्रमुख निवेश गंतव्य बन चुका है, जहां हर सेक्टर में बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है।
महाकुंभ आयोजन पर किए गए सरकारी खर्च को लेकर आलोचनाओं का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि ₹7500 करोड़ का निवेश सीधे इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया गया, जिसमें 14 नए फ्लाईओवर, 6 अंडरपास, 200 से अधिक चौड़ी सड़कें, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट टर्मिनल का विस्तार शामिल है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले महाकुंभ के आयोजन की आलोचना करने वाले अब आयोजन स्थल को छोटा बताकर सवाल उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि महाकुंभ न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक शक्ति को भी प्रदर्शित करता है। यूपी सरकार इस आयोजन के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।