उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सामूहिक विवाह योजना में एक बड़ा और संवेदनशील बदलाव किया है, जो न केवल सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक प्रतीकों के सम्मान और संरक्षण की दिशा में भी एक ठोस कदम माना जा रहा है। आइए इस नई घोषणा के प्रमुख बिंदुओं को विस्तार से देखें:
मुख्य एलान: सिंदूर और लाल चूड़ियां अब गिफ्ट में
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अब सरकार द्वारा कन्याओं को सिंदूरदान (सिंधौरा) और लाल कांच की चूड़ियां भी दी जाएंगी।
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यह “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता के बाद लिया गया निर्णय है, जो हिंदू विवाह परंपरा के प्रतीकों को सम्मान देने की दिशा में है।
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गोरखपुर में एक विशाल सामूहिक विवाह समारोह में यह एलान हुआ, जिसमें 1200 जोड़ों का विवाह कराया गया।
दुल्हन को मिलने वाले गिफ्ट:
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ब्राइडल साड़ी या लहंगा
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दो कढ़ाई वाली साड़ियां
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दो प्रिंटेड साड़ियां
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5 पेटीकोट और ब्लाउज
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कढ़ाई वाली चुनरी
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चांदी की पायल और बिछिया
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सिंदूरदानी और लाल कांच की चूड़ियां (नई चीज)
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₹4 लाख के सोने/कड़े (संभावित लागत, विवरण स्पष्ट नहीं)
दूल्हे के लिए गिफ्ट:
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ब्रांडेड पैंट-शर्ट, गमछा
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स्टील डिनर सेट, 5 लीटर प्रेशर कुकर, कढ़ाई
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ट्रॉली बैग, दीवार घड़ी, सीलिंग फैन
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प्रेस, गद्दे, तकिए, कंबल
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डबल बेड सेट
वित्तीय सहायता की नई व्यवस्था (2024 शासनादेश):
मद | पहले | अब |
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कन्या के खाते में ₹ | ₹35,000 | ₹60,000 |
गिफ्ट के लिए ₹ | ₹10,000 | ₹25,000 |
आयोजन (भोजन, पंडाल) ₹ | ₹6,000 | ₹15,000 |
कुल खर्च प्रति जोड़ा | ₹51,000 | ₹1,00,000 |
सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व:
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सिंदूर और चूड़ियां भारतीय विवाह में स्त्री की शुभता, सुहाग और सम्मान का प्रतीक होती हैं।
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यह फैसला परंपरा और आधुनिक योजनाओं के संतुलन का उदाहरण है।
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यह कदम हिंदू संस्कृति की गरिमा को सरकारी योजनाओं में जगह देने का संकेत है।
योगी सरकार का यह निर्णय सिर्फ आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय स्त्री सम्मान और वैवाहिक संस्कृति के प्रतीकों को मान्यता देने का भी उदाहरण है। “ऑपरेशन सिंदूर” से शुरू हुआ यह प्रयास अब सामूहिक विवाह योजना में स्थायी रूप ले चुका है।