योगी सरकार ने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर चल रहे विवाद के बीच बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने यूपी के स्कूलों में 2 महीने के लिए डिजिटल अटेंडेंस पर रोक लगा दी है। मुख्य सचिव की शिक्षक संघ के साथ बैठक के बाद ये बड़ा फैसला लिया गया है। सीएम योगी ने इस मामले को लेकर कल ही संज्ञान लिया था। इस फैसले को प्रदेश के प्राइमरी शिक्षकों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
डिजिटल अटेंडेंस दो महीने के लिए स्थगित
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने मंगलवार को डिजिटल अटेंडेंस को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया है. इस दौरान एक समिति का गठन किया जाएगा जो शिक्षकों के मुद्दों को समझेगा. सरकार ने ये कदम शिक्षकों के भारी विरोध के बाद उठाया है. शिक्षक योगी सरकार के डिजिटिल एटेंडेंस के फैसले का शुरू से विरोध कर रहे थे.
शिक्षकों ने कहा, उनको ऑनलाइन हाजिरी लगाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. उनका कहना है कि स्कूलों में नेटवर्क नहीं है. रास्ते सही नहीं है. इन सब की समस्याओं को दूर किया जाए, उसके बाद हम ऑनलाइन हाजिरी देने को तैयार हैं. भारी विरोध के बाद सरकार ने शिक्षकों को कुछ छूट दी थी, लेकिन अब उसने अपने फैसले को फिलहाल 2 महीने के लिए स्थगित कर दिया है.
डीएम को दिए गए ये आदेश
बीते दिन यूपी के स्कूलों में डिजिटल हाज़िरी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी डीएम को आदेश दिए कि वो बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ मिलकर टीचरों से बात करें, साथ ही, टीचर यूनियनों से ज्ञापन लेकर सरकार को भेजें। जिससे उनकी समस्या समझी जा सके।
पंतनगर का मामला क्या है?
लखनऊ के कुकरैल नदी के किनारे घरों को चिन्हित किया गया था. नदी के 50 मीटर के दायरे में बने घरों को अवैध बताया गया. कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर और अबरारनगर के करीब एक हजार मकान हैं. मकानों को चिह्नित कर उनपर लाल निशान लगा दिए गए थे. इन मकानों पर बुलडोजर चलाया जाना था.
लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. लोगों का कहना था कि हम सबके पास रजिस्ट्री की कॉपी है. बिजली के बिल हैं. फिर घर कैसे अवेध हो गया. यहां पर रहने वाले लोगों का कहना था कि जीवनभर की कमाई से उन्होंने मकान बनाया था. लोन लिया था. मकान टूटने के बाद हम लोग सड़क पर आए जाएंगे. कई निवासियों ने यहां तक कहा था कि हमें अपनी बेटी की शादी इसी घर से करनी थी. लोगों की ये गुहार सीएम योगी तक पहुंची. जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद निर्देश दिया गया कि पंतनगर, खुर्रमनगर और अबरार नगर में कुकरैल नदी के किनारे घर नहीं तोड़े जाएंगे.
8 जुलाई से हो रहा विरोध
गौरतलब है कि 8 जुलाई को यूपी की योगी सरकार ने सभी प्राइमरी टीचरों के लिए डिजिटल अटेंडेंस लागू कर दिया, जिसके बाद सभी टीचर्स ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। शिक्षकों ने इसे लेकर अपनी समस्या भी बताई कि स्कूल दूर होने के कारण उन्हें समय पर पहुंचने में मुश्किल होती है, साथ ही उन्होंने अपनी कुछ मांगे भी सरकार को गिनाई। टीचर्स एसोसिएशन ने इस मुद्दे को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि करीब 30 फीसदी स्कूल में जाने की सड़क ठीक है और 60 फीसदी स्कूल में जाने के लिए सरकारी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नहीं है। इसी वजह से कई बार टीचर देर से स्कूल पहुंचते हैं। वहीं, टीचर्स की छुट्टी कम है, सिर्फ 14 CL है जबकि अधिकारियों को 14 CL, 31 EL,12 दूसरे शनिवार की भी छुट्टी मिलती है। इसके अलावा, स्कूलों की व्यवस्था बहुत ठीक नहीं है, स्कूल में सफाई करने वाला नहीं है, इस कारण टीचर को खुद स्कूल की सफाई भी करनी होती है, स्कूल में दिन भर बिजली नहीं रहती। नेटवर्क की समस्या रहती है ऐसे में डिजिटल हाज़िरी कैसे होगी? ऐसे में पहले स्कूलों को बुनियादी सुविधा देने चाहिए तब डिजिटल हाज़िरी हो।
सीएम योगी ने लोगों से क्या कहा?
प्रभावित परिवार के लोग मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थ नगर, वहां निवासरत लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. संबंधित प्रकरण में एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है. फ्लड प्लेन ज़ोन में निजी भूमि भी सम्मिलित है, लेकिन निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और न ही कोई प्रस्ताव है. निजी भूमियों में बने निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है.
यही नहीं, उन्होंने कहा कि फ्लड प्लेन जोन चिन्हींकरण के दौरान भवन निर्माणों पर लगाये गये संकेतों से आम जन में भय और भ्रम फैला है, इसका कोई औचित्य नहीं था और इसके लिए जवाबदेही तय की जाए. प्रभावित परिवारों से मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में यदि कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है, जिसका प्रमाणित स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति का है, उसे नियमानुसार समुचित मुआवजा देकर ही अधिग्रहीत किया जाएगा. मुख्यमंत्री से मिलने के बाद प्रसन्नचित परिवारों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और ‘योगी हैं तो यकीन है’ के नारे भी लगाए.