प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का भारी संख्या में आगमन हो रहा है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बनाता है। इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित कई उच्चस्तरीय हस्तियों की भागीदारी ने इसे और भी खास बना दिया है।
महत्वपूर्ण कार्यक्रम और हस्तियां
- 27 जनवरी: गृह मंत्री अमित शाह संगम स्नान, गंगा पूजन, और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
- 1 फरवरी: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ महाकुंभ में शामिल होंगे।
- 5 फरवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महाकुंभ में आगमन प्रस्तावित है।
- 10 फरवरी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महाकुंभ में शामिल होंगी।
महाकुंभ 2025 की खासियत
- 144 साल बाद विशेष संयोग: हर 12 साल में आयोजित होने वाले कुंभ के 12 चक्र पूरे हो चुके हैं, जिससे यह महाकुंभ विशेष हो गया है।
- 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो इसे अब तक का सबसे बड़ा कुंभ बना रहा है।
श्रद्धालुओं की गिनती का तरीका
यूपी सरकार ने इस महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन और गिनती के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है:
- AI बेस्ड कैमरे:
- मेला क्षेत्र में 1800 AI-आधारित कैमरे लगाए गए हैं।
- ये कैमरे श्रद्धालुओं के चेहरों को स्कैन करके भीड़ का अनुमान लगाते हैं और वास्तविक समय में गिनती करते हैं।
- ड्रोन तकनीक:
- ड्रोन का उपयोग एक निश्चित क्षेत्र में भीड़ के घनत्व को मापने के लिए किया जा रहा है।
- यह तकनीक बताती है कि किस समय कितने श्रद्धालु संगम क्षेत्र में उपस्थित थे।
- क्राउड असेसमेंट टीम:
- यूपी सरकार ने एक विशेष क्राउड असेसमेंट टीम गठित की है।
- यह टीम श्रद्धालुओं की गिनती और भीड़ प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।
सुरक्षा और व्यवस्था
- गृह मंत्री अमित शाह के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।
- पूरे मेला क्षेत्र में पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है।
- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने कई विशेष इंतजाम किए हैं।
महाकुंभ की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता का अद्वितीय प्रतीक है। संगम में स्नान करने से मोक्ष प्राप्ति का विश्वास रखने वाले करोड़ों लोग यहां एकत्र होते हैं। इस बार के आयोजन में तकनीक और परंपरा का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है।