महाकुंभ मेला क्षेत्र में एक बार फिर आगजनी की घटना सामने आई है। झूसी छतनाग घाट, नागेश्वर घाट सेक्टर 22 में गुरुवार को आग लग गई, जिससे कई टेंट जलकर राख हो गए। हालांकि, समय रहते फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई के कारण आग पर काबू पा लिया गया और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
कैसे लगी आग?
पुलिस अधिकारी प्रमोद शर्मा के अनुसार, कुंभ मेला क्षेत्र में आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। उस समय लगभग 15 टेंट में आग लगी हुई थी। दो फायर टेंडर मौके पर भेजे गए, और कड़ी मशक्कत के बाद आग को बुझा दिया गया।
प्रशासन की कार्रवाई और जांच
- एसडीएम की रिपोर्ट के अनुसार, आग अनाधिकृत रूप से लगाए गए टेंटों में लगी थी।
- यह क्षेत्र चमनगंज चौकी के अंतर्गत आता है, और स्थानीय प्रशासन को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।
- प्रशासन द्वारा लोगों को हिदायत दी जा रही है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और अनधिकृत निर्माण न करें।
पहले भी हो चुकी हैं आग की घटनाएं
महाकुंभ क्षेत्र में पहले भी अस्थायी टेंटों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। बड़ी संख्या में टेंट और अस्थायी ढांचे होने के कारण यह क्षेत्र अग्निकांड की दृष्टि से संवेदनशील है।
सुरक्षा व्यवस्था होगी और मजबूत
इस घटना के बाद प्रशासन ने महाकुंभ क्षेत्र में अग्निशमन सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सभी टेंट संचालकों को सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए कहा गया है, और अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता अनिवार्य की जाएगी।
समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।
19 फरवरी को भी हुई थी आग की घटना
इससे पहले 19 जनवरी को महाकुंभ में बड़ा आग हादसा हुआ है. सेक्टर-19 में बनाए गए गीता प्रेस के पंडालों में आग लग गई थी. आग से कई टेंट जल कर राख हो गए थे. सिलेंडर भी ब्लास्ट हुआ था, जिससे आसमान में धुएं का गुबार दिखाई दे रहा था. हालांकि फायर ब्रिगेड की टीम ने समय रहते आग पर काबू पा लिया था, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया था.
हादसे के बाद सीएम योगी भी घटनास्थल पहुंचे थे और हताहत लोगों को तत्काल मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए थे. इसके बाद प्रशासन ने रातों-रात वहां पर नए टेंट बनवाए और पीड़ित लोगों के रहने की व्यवस्था की.