प्रयागराज महाकुंभ में पहली बार डोम सिटी बसाया जा रहा है। फायर प्रूफ डोम सिटी बनकर लगभग तैयार हो गई है। डोम सिटी में बने कॉटेज का किराया 81 हजार रुपये तक होगा। 3 हेक्टेयर में बने भव्य डोम सिटी का निर्माण हो रहा है, इसकी लागत 51 करोड़ रुपए है।
डोम सिटी के कॉटेज की खासियत
महाकुंभ में डोम सिटी आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का अद्भुत संगम होगा। डोम सिटी में रुकने वालों को हिल स्टेशन पर रुकने का अहसास होगा। ठंडी हवाओं के बीच चारो तरफ संगम का नजारा होगा। अंडाकार कॉटेज के अंदर से ही लोग गंगा और यमुना नदी का दर्शन कर सकेंगे। इसका लुक 360 डिग्री की तरह रखा गया है. जिसमें अटैच टॉयलेट की भी सुविधा भी दी गई है।
महाकुंभ मेले में सफाई पर खासा जोर
प्रयागराज महाकुंभ में सरकार के सामने इस बार सबसे बड़ी चुनौती स्वछता को बनाए रखना है, क्योंकि यहां करीब 40 करोड़ तक श्रद्धालु आएंगे। इसके लिए पूरे संगम क्षेत्र में 10 लाख के करीब ग्रीन टॉयलेट लगाए जा रहे हैं। इन ग्रीन टॉयलेट की खासियत ये है की इससे कोई गंदगी नहीं होंगी। खास तौर पर महिलाओं के लिए महाकुंभ में सफाई और शौचालय का ध्यान रखा गया है।
राष्ट्रपति और पीएम मोदी को महाकुंभ में आने का निमंत्रण
उत्तर प्रदेश सरकार 13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले के लिए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करेगी। हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह विशाल धार्मिक आयोजन प्रयागराज में 45 दिनों तक जारी रहेगा।
रिमोट से हटाए जा सकेंगे पर्दे
महाकुंभ क्षेत्र में डोम सिटी अरेल क्षेत्र में बसाई जा रही है. सिटी में 22 बड़े स्ट्रक्चर तैयार किए गए हैं. हर स्ट्रक्चर को दो हिस्से में बांटा गया है. दोनों हिस्सों में जमीन से तकरीबन 15 फीट ऊंचाई पर डोम तैयार किए गए हैं. डोम यानी फाइबर शीट से तैयार किया गया एक ऐसा कमरा, जिसे बेडरूम और ड्राइंग रूम दोनों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. महाकुंभ में तैयार डोम को चारों तरफ रंगीन पर्दे से ढका गया है. यह पर्दे रिमोट के जरिए खुल जाते हैं. डोम की अंदरूनी छत पर भी लगे पर्दे को रिमोट से हटाकर रात के वक्त आसमान में चमकते तारों का दीदार किया जा सकता है.
डोम में टायलेट और बाथरूम अटैच्ड है. हर डोम के बाहर प्लेटफार्म पर ओपन एयर स्पेस रखा गया है. यहां कुर्सी और मेज लगे रहेंगे. लोग इस ओपन स्पेस से मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे और साथ ही महाकुंभ की गतिविधियों को भी देख सकेंगे. डोम के अंदर ऐसा डेकोरेशन किया गया है कि अंदर दाखिल होते ही एक अलग दुनिया का एहसास होने लगता है. डोम के अंदर आधुनिकता और आध्यात्मिकता का संगम देखने को मिलता है. इसमें अंदर बेहद खूबसूरत सजावट की गई है. हर डोम के नीचे चार चार वुडेन कॉटेज भी बनाए गए हैं.