भेलूपुर के रहने वाले हाजी इरशाद अली ने इससे पहले भी 30 मीटर कपड़े पर गीता श्लोक, सहस्त्रनाम श्रोत लिखा था, लेकिन इस बार उन्होंने दो फिट चौड़ा और ढाई फीट लम्बे कपड़े पर गीता लिखी है। पूरी गीता 6 खंड में लिखा गया है। किसी खंड में 32 पेज तो किसी मे 28 पेज हैं। एक किताब का वजन करीब 9 किलो है। इरशाद अली ने बताया कि इतनी बड़ी बुक कोई बाइंडिंग नहीं करता है। जिसके लिए उन्हें भारत के कई शहरों का भ्रमण करना पड़ा। कपड़ों पर अपना डिजाइन दिया है। ऊपरी पेज पर केसरिया रंग में कमल पुष्प को दर्शाया गया है। किसी भी रसायनिक पदार्थ का इस्तेमाल नहीं हुआ है। भगवान गणेश और भगवान कृष्ण का चित्र भी अंदर पेज पर मिट्टी से ही बना है। जिसे एक छात्र ने बनाया है। इसको लिखने में एक साल से ज्यादा का समय लग गया। गीता को रखने के लिए हार्ड दफ्ती का बॉक्स भी बना है। बॉक्स का वजन करीब 20 किलो है। पूरा बुक बंगलोर से बन कर आई है।
इरशाद अली ने बताया कि बचपन से ही कुछ अलग करना चाहता था। धीरे-धीरे समय बीतता गया। बच्चे बड़े हो गए। उन्होंने ही प्रेरणा दी, कपड़े पर गंगा की मिट्टी और जल से गीता लिखना शुरू कर दिया। डेढ़ साल बाद आज सपना साकार हुआ। इरशाद अब चाहते हैं कि उनका हुनर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाए। इरशाद अली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गीता उपहार में भेट करना चाहते हैं। ताकि गीता को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर या अयोध्या कॉरिडोर में भविष्य में रखा जाए। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।