उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए सत्संग में मची भगदड़ में जनसंहार हुआ है. अब तक 121 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से अधिक लोग घायल हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. इस बीच हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और एक याचिका दायर की गई है. ये याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर ने दायर की है. हाथरस हादसे पर अब तक कोई गिरफ्तार नहीं हुई है और स्वयंभू भोले बाबा फरार है, जिसकी खोजबीन पुलिस कर रही है.
A petition has been filed in the Supreme Court seeking direction to appoint a five-member expert committee under the supervision of a retired Supreme Court judge to enquire into the Hathras stampede incident
It further seeks direction to the committee to suggest and frame… pic.twitter.com/itGv8oJETX
— ANI (@ANI) July 3, 2024
याचिका मे 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है। इस पूरी घटना पर यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट की मांग की गई है। याचिका में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। याचिका में ऐसे समारोह के आयोजनों के लिए एक गाइडलाइन बनाने की मांग की गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने याचिका दाखिल की है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट भी पहुंचा मामला
हाथरस में भगदड़ के कारण हुई सैकड़ों लोगों की मौत के मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी चिट्ठी भेजी गई है। चीफ जस्टिस को भेजे गए पत्र में हादसे की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है। अधिवक्ता गौरव द्विवेदी ने चीफ जस्टिस के नाम लेटर पेटिशन भेजी है।
कौन है हादसे का जिम्मेदार?
बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है. पुलिस की तरफ से FIR दर्ज की गई है. इस FIR में मुख्य सेवादार समेत अन्य अज्ञात आयोजकों के तो नाम हैं, लेकिन मौत के सत्संग में प्रवचन देने वाले भोले बाबा के नाम का जिक्र नहीं है. उसे आरोपी नहीं बनाया गया है, तो क्या पुलिस की सरपरस्ती में बाबा फरार है? क्या बाबा के सरकार से भी कनेक्शन है क्योंकि इस बाबा के दामन में कई दाग हैं. उसके खिलाफ 5 केस दर्ज हैं.
ढाई लाख लोग सत्संग में पहुंचे, 80 हजार की थी इजाजत
पुलिस बाबा की तलाश कर रही है और उसने 4 जिलों में छापेमारी की है, लेकिन बाबा उसे नहीं मिला है. सत्संग वाली जगह पर केवल 80 हजार लोगों की अनुमति प्रशासन की तरफ से दी गई थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंचे थे. खुलासा ये हुआ है कि आयोजनकर्ताओं ने भीड़ का सही आंकड़ा छिपाया. FIR में हादसे की वजह जीटी रोड पर ज्यादा भीड़ जुटने को बताया जा रहा है, जिसकी वजह से जाम लगा. जाम हटाने के दौरान बाबा कार्यक्रम स्थल से निकला. गाड़ी गुजरने वाले रास्ते से भीड़ धूल समेटने लगी. इसी दौरान भगदड़ मची और कई लोग कुचले गए. घटनास्थल पर पड़े जूते, चप्पल और सामान को फसलों में छिपाया गया ताकि भयावह स्थिति को कोई न देख सके.