केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की मौजूदगी में लखनऊ में 114 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर तीनों नेताओं ने लोगों को संबोधित भी किया।
महाकुंभ के आयोजन में कितने खर्च हुए सीएम ने बताया
इस अवसर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें हर 6 साल में कुंभ और हर 12 साल में महाकुंभ आयोजित करने का मौका मिलता है। हम जो भी गतिविधियां करते हैं, उससे हमारे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। महाकुंभ की वजह से यूपी की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये का बढ़ावा मिलेगा।
सीएम योगी ने कहा कि जो लोग उंगली उठाते हैं और पूछते हैं कि 5000-6000 करोड़ रुपये क्यों खर्च कर दिए। यह राशि सिर्फ कुंभ पर ही नहीं बल्कि प्रयागराज शहर के जीर्णोद्धार पर खर्च की गई है। कुंभ के आयोजन में कुल 1500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और बदले में अगर हमारी अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपये का लाभ मिलता हो और यूपी की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती हो तो यह राशि उपयुक्त ही खर्च की गई है।
#WATCH | Lucknow: UP CM Yogi Adityanath says, "We get the opportunity to host Kumbh every 6 years and Maha Kumbh every 12 years. All the activities we do boost our tourism… The economy of UP will get a boost of Rs. 3 lakh crores because of Maha Kumbh. People point fingers and… pic.twitter.com/7WI6Pr3jrU
— ANI (@ANI) February 14, 2025
महाकुंभ के आयोजन से मजबूत होगी प्रदेश की अर्थव्यवस्था
सीएम योगी ने कहा कि जब 50-55 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश के महाकुंभ में जुड़ेंगे तो इससे हमारी अर्थव्यवस्था को कितना फायदा होगा… मेरा अनुमान है कि महाकुंभ के माध्यम से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। हर साल ‘माघ मेला’ और कुंभ के दौरान उत्तर प्रदेश को पट्टे पर जमीन मिलती है… जब से हमारी डबल इंजन सरकार सत्ता में आई है, सभी श्रद्धालु उन जगहों पर जा पा रहे हैं, जहां वे आठ साल पहले नहीं जा पाते थे।
नितिन गडकरी ने कही ये बात
वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान अकेले प्रयागराज ने 3 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी वृद्धि में मदद की। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जहां 49 प्रतिशत पूंजी निवेश रोजगार पैदा करने में खर्च किया जाता है। टैक्सी चालकों, रिक्शा चालकों और अन्य लोगों के लिए रोजगार के कई अवसर यहां पैदा हुए। हमारे देश की आर्थिक वृद्धि सीधे तौर पर बुनियादी ढांचे से जुड़ी हुई है।