महाकुंभ 2025 के आयोजन को भव्य, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन द्वारा की गई तैयारियां प्रशंसनीय हैं। प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है।
महाकुंभ 2025 की विशेष तैयारियां
1. 10 डिजिटल ‘खोया-पाया केंद्र’
महाकुंभ में खोए हुए व्यक्तियों और वस्तुओं को खोजने में सहायता के लिए डिजिटल ‘खोया-पाया केंद्र’ स्थापित किए गए हैं।
- विशेषताएं:
- वेटिंग रूम और मेडिकल रूम की व्यवस्था।
- महिलाओं और बच्चों के लिए अलग जलपान क्षेत्र।
- 55 इंच की LED स्क्रीन पर खोए-पाए व्यक्तियों और वस्तुओं की लाइव जानकारी।
- जानकारी दर्ज करने के लिए डिजिटल प्रणाली और कम्प्यूटरीकृत रसीद।
- स्थापना स्थल:
- मुख्य केंद्र (सेक्टर-04), अक्षयवट पंडाल, संगम नोज, ऐरावत द्वार, टेंट सिटी, अरैल पक्का घाट, प्रमुख घाट, बड़ा झूसी घाट, संगम क्षेत्र, और प्रमुख स्नान क्षेत्र।
2. सोशल मीडिया का उपयोग
लापता व्यक्तियों और वस्तुओं की जानकारी फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप पर साझा की जाएगी, जिससे तीर्थयात्रियों को व्यापक और तेज सहायता मिलेगी।
पूछताछ केंद्रों की सुविधाएं
पूरे मेला क्षेत्र में पूछताछ केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो तीर्थयात्रियों को महाकुंभ, प्रयागराज शहर, और मेला क्षेत्र से संबंधित हर जानकारी देंगे।
- सेवाएं:
- पुलिस स्टेशन, चौकी, फायर ब्रिगेड, अस्पताल और प्रशासनिक कार्यालयों की जानकारी।
- बस और रेलवे स्टेशनों की स्थिति और ट्रेन कार्यक्रम।
- मंदिर, तीर्थ स्थल, अखाड़ों, और स्नान घाटों के दिशा-निर्देश।
- यातायात प्रतिबंध और मेले के भीतर परिवहन की जानकारी।
- होटल और धर्मशालाओं की लिस्ट।
सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन
- संगम क्षेत्र और स्नान घाटों में विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
- भीड़ प्रबंधन के लिए स्नान के दिनों में हर केंद्र पर 9 कर्मचारी और सामान्य दिनों में 5 कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
- CCTV कैमरों और आधुनिक निगरानी प्रणाली का उपयोग।
महाकुंभ का महत्व और प्रशासन का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षित, सुव्यवस्थित और भव्य महाकुंभ के आयोजन का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। इस आयोजन में श्रद्धालुओं की हरसंभव सहायता और सुविधाओं का ध्यान रखा गया है।
इस प्रकार, महाकुंभ 2025 के लिए किए गए प्रयास और योजनाएं न केवल इसकी भव्यता को बढ़ाएंगी, बल्कि इसे आधुनिक और तकनीकी दृष्टि से भी अनुकरणीय बनाएंगी।