सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के मामले में शुक्रवार को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। अदालत ने इस मामले में निचली अदालत को कोई भी एक्शन लेने से रोकते हुए कहा कि इस पर कोई कार्रवाई हाई कोर्ट के आदेश के बिना नहीं की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश:
- निचली अदालत को रोक: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत को इस मामले में कोई भी एक्शन नहीं लेना चाहिए। यानि इस विवाद को लेकर आगे कोई भी कानूनी कदम बिना उच्च न्यायालय के आदेश के नहीं उठाया जा सकता।
- हाई कोर्ट से पहले सुप्रीम कोर्ट क्यों: सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि वह पहले उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए, जबकि इस तरह के मामलों की सुनवाई पहले उच्च न्यायालय द्वारा की जानी चाहिए थी। याचिका मस्जिद कमेटी द्वारा दाखिल की गई है, जिसमें स्थानीय कोर्ट के सर्वे के आदेश को चुनौती दी गई है।
मामले का पृष्ठभूमि:
- संभल मस्जिद सर्वे: इस मामले की शुरुआत 19 नवंबर को हुई, जब अदालत ने मस्जिद में एक सर्वे का आदेश दिया था, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई थी। मस्जिद के परिसर में घुसकर सर्वे का विरोध किया गया, और इसके बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
- मस्जिद कमेटी की याचिका: मस्जिद कमेटी ने स्थानीय कोर्ट के सर्वे आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा।
संभावित प्रभाव:
- सुप्रीम कोर्ट की निगरानी: अब इस मामले में उच्च न्यायालय से आदेश के बिना कोई कदम नहीं उठाया जा सकेगा, जिससे मामला और अधिक लंबा खिंच सकता है।
- विवाद और सामुदायिक तनाव: मस्जिद के सर्वे को लेकर जो सामुदायिक और राजनीतिक तनाव उत्पन्न हुआ है, वह अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगा, और उच्च न्यायालय से निर्णय के बाद आगे की कार्रवाई संभव होगी।
यह मामला केवल एक कानूनी विवाद नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी सामाजिक और राजनीतिक जटिलताएँ भी हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश से यह भी स्पष्ट होता है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं की जाएगी, और कानून का पालन करते हुए ही आगे बढ़ा जाएगा
#WATCH | Sambhal, UP | Devotees begin to gather at Shahi Jama Masjid to offer Friday prayers.
Supreme Court today asked the Sambhal trial court not to proceed in the suit against the Shahi Jama Masjid, till the petition filed by the Masjid Committee against the survey order is… pic.twitter.com/Cv2HFuMpRV
— ANI (@ANI) November 29, 2024
बेहतर होगा हम इसे लंबित रखें: SC
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा,’ क्या 227 के तहत हाई कोर्ट जाना उचित नहीं है? बेहतर होगा कि हम इसे यहीं लंबित रखें. आप अपनी दलीलें उचित पीठ के सामने दायर करें.’ सुनवाई के दौरान CJI ने कहा,’हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ भी हो. उन्हें आदेश को चुनौती देने का अधिकार है. वे रिवीजन या 227 याचिका दायर कर सकते हैं.’
‘मुकदमे के बाद गढ़ी जाती है कहानी’
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा,’ जिला प्रशासन सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ शांति समिति बनाएगा. हमें पूरी तरह से तटस्थ रहना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि कुछ भी न हो.’ इस बीच याचिकाकर्ता ने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक देशभर में इस तरह के 10 मुकदमे लंबित हैं. इनमें से 5 यूपी में हैं. इस मामले में जो तरीका अपनाया जा रहा है, वह यह है कि मुकदमा दायर किया जाता है और फिर कहानी गढ़ी जाती है.
शांति और सद्भाव बनाए रखने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,’ कुछ प्रतिवादी कैविएट पर उपस्थित हुए हैं. हमें लगता है कि याचिकाकर्ताओं को 19 तारीख को पारित आदेश को उचित मंच पर चुनौती देनी चाहिए. इस बीच शांति और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए. हम यह भी मानते हैं कि यदि कोई अपील/पुनरीक्षण किया जाता है तो उसे 3 दिनों के अंदर सुनवाई के लिए लिस्टेड किया जाना चाहिए.’
#WATCH | Sambhal, UP | Devotees begin to gather at Shahi Jama Masjid to offer Friday prayers.
Security surveillance in the area is being done by drone cameras deployed by Police. pic.twitter.com/IEGjN4Dlgv
— ANI (@ANI) November 29, 2024
संभल में क्यों है मस्जिद को लेकर विवाद?
संभल में मुगल शासक बाबर के युग में बनी जामा मस्जिद पर इस बात को लेकर विवाद है कि यहां पहले ‘हरि हर मंदिर’ था, जहां पर मस्जिद का निर्माण कराया गया था. इसको लेकर हिंदू पक्ष की तरफ से एक वकील ने कोर्ट सर्वे की मांग के साथ स्थानीय कोर्ट में याचिका दायर की थी. बाद में कोर्ट ने सर्वे का आदेश जारी किया, जिसको लेकर इलाके में तनाव पैदा हो गया, और मुस्लिम समाज ने इसका विरोध किया.
चंदौसी कोर्ट के आदेश के बाद आर्कियोलॉजिकल सर्वे की एक टीम सर्वे के लिए 24 दिसंबर को भी शाही मस्जिद का दौरा किया था. हालांकि, इस दौरान कहा जाता है कि मुस्लिम समाज ने विरोध किया, और फिर पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प हो गई. नतीजा ये हुआ कि इसमें मुस्लिम समुदाय के चार लड़के मारे गए, जिसके बाद इलाके में तनाव बना हुआ है.