उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मदरसों की वर्तमान स्थिति और शिक्षा व्यवस्था को लेकर बेहद अहम संकेत दिए हैं। उनका वक्तव्य इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकार अब मदरसा शिक्षा को केवल पारंपरिक मजहबी ढांचे में सीमित नहीं रहने देना चाहती, बल्कि उसे आधुनिक, समावेशी और नवाचारयुक्त मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना चाहती है।
मुख्य बातें: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य से
📌 1. केवल मजहबी केंद्र न बनें मदरसे
“मदरसे महज मजहबी शिक्षा केंद्र बनकर न रह जाएं।”
- योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट किया कि बच्चों को सिर्फ धार्मिक शिक्षा देना पर्याप्त नहीं है।
- उन्हें विज्ञान, गणित, कंप्यूटर, भाषा, सामान्य ज्ञान आदि आधुनिक विषयों की भी शिक्षा मिलनी चाहिए।
📌 2. मान्यता से पहले कड़ी जांच
“मदरसे को मान्यता देने से पहले अवस्थापना मानकों की कड़ाई से जांच हो।”
- अब किसी भी मदरसे को सरकारी मान्यता देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह न्यूनतम शैक्षणिक और भौतिक बुनियादी सुविधाओं को पूरा करता है।
📌 3. विशेष समिति का गठन
“अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।”
- यह समिति मदरसा शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलावों की सिफारिश करेगी। इसमें पाठ्यक्रम, इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की योग्यता, और आधुनिक विषयों की अनिवार्यता जैसे बिंदुओं को शामिल किया जा सकता है।
📌 4. शिक्षा में नवाचार और समावेशिता की बात
“सरकार का उद्देश्य केवल सुधार नहीं, बल्कि नवाचार और समावेशिता के माध्यम से मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा में लाना है।”
- यह बयान दर्शाता है कि सरकार अब मदरसा छात्रों को समान अवसर देना चाहती है जिससे वे भी प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार के बेहतर विकल्पों में भागीदारी कर सकें।
📌 5. बोर्ड परीक्षा में घटती भागीदारी पर चिंता
“बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट विचारणीय है।”
- सरकार चाहती है कि मदरसा छात्र भी बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित हों, जिससे उनकी शैक्षणिक पारदर्शिता और मूल्यांकन संभव हो सके।
UP बोर्ड परीक्षा 2024-25 का संक्षिप्त परिणाम
- हाई स्कूल (10वीं) पास प्रतिशत: 90.11%
- इंटरमीडिएट (12वीं) पास प्रतिशत: 81.15%
🏆 टॉपर्स
- हाई स्कूल टॉपर: यश प्रताप सिंह (जलौन) – 97.83%
- इंटर टॉपर: महक जायसवाल (प्रयागराज) – 97.20%
विश्लेषण
योगी आदित्यनाथ का यह रुख दर्शाता है कि:
- मदरसा सुधार अब केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि शिक्षा नीति का अहम हिस्सा बनने जा रहा है।
- इससे मदरसा छात्र भी डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया जैसे अभियानों से जुड़ सकेंगे।
- साथ ही, समावेशिता और सामाजिक एकता को बढ़ावा मिलेगा।