महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बूस्टर साबित हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि यह आयोजन केवल धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व तक सीमित नहीं था, बल्कि इससे राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिली है।
एक नाविक परिवार ने महाकुम्भ-2025, प्रयागराज में 45 दिनों में ₹30 करोड़ की कमाई की है… pic.twitter.com/BqJ3OXYeio
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 4, 2025
मुख्य आर्थिक लाभ:
- ₹3.5 लाख करोड़ का आर्थिक लाभ:
- महाकुंभ के कारण उत्तर प्रदेश को अनुमानित ₹3.5 लाख करोड़ का फायदा हुआ।
- देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन के अनुसार, महाकुंभ के खर्च ने देश की GDP ग्रोथ को 6.5% बनाए रखने में मदद की।
- व्यवसायों को हुआ भारी मुनाफा:
- प्रयागराज और अन्य धार्मिक स्थलों (अयोध्या, वाराणसी) में होटल, ट्रांसपोर्ट, पूजा सामग्री और खाने-पीने के व्यवसायों ने जबरदस्त कमाई की।
- ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में ₹1.5 लाख करोड़ का मुनाफा।
- होटल इंडस्ट्री में ₹40 हजार करोड़ का व्यापार।
- FMCG और खाने-पीने के व्यवसाय में ₹33 हजार करोड़ का लाभ।
- पूजा सामग्री की बिक्री से ₹20 हजार करोड़ का व्यापार।
- नाविक परिवार की बड़ी कमाई:
- सीएम योगी के अनुसार, प्रयागराज के एक नाविक परिवार ने महाकुंभ के 45 दिनों में ₹30 करोड़ की बचत की।
- प्रति नाव औसतन ₹23 लाख की कमाई हुई, यानी ₹50,000-52,000 प्रति दिन।
- 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की भागीदारी:
- यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों की अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभदायक रहा।
महाकुम्भ-2025, प्रयागराज के आयोजन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ₹3.5 लाख करोड़ का लाभ मिलने का अनुमान है… pic.twitter.com/zaPWD2tHQ8
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सरकारी खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार:
- महाकुंभ आयोजन के लिए ₹7500 करोड़ खर्च किए गए, जिससे प्रदेश को कई स्थायी सुविधाएँ मिलीं।
- 200+ सड़कों का चौड़ीकरण, 14 नए फ्लाईओवर, 9 अंडरपास और 30 पीपा पुल बनाए गए।
- प्रयागराज को नई सड़कें, ब्रिज और घाट सुधारने का फायदा लंबे समय तक मिलेगा।
महाकुंभ 2025 का आयोजन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि इसने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। योगी सरकार ने इसे एक आर्थिक महोत्सव की तरह प्लान किया, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में समृद्धि आई। इंफ्रास्ट्रक्चर में हुए निवेश से आने वाले वर्षों में भी उत्तर प्रदेश को लाभ मिलता रहेगा।