उत्तर प्रदेश के कन्नौज रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन लिंटर के ढहने का हादसा गंभीर चिंता का विषय है। यह घटना रेलवे स्टेशन के सुंदरीकरण कार्य के दौरान हुई, जब दो मंजिला भवन का लिंटर डाला जा रहा था।
घटना का विवरण:
- हादसा:
- निर्माण के दौरान शटरिंग फेल हो गई, जिससे लिंटर गिर गया।
- इस हादसे में लगभग 35 मजदूर मलबे में दब गए।
- अब तक 20 मजदूरों को निकाला जा चुका है, जिनमें से 3 की स्थिति गंभीर है।
- प्रशासन की प्रतिक्रिया:
- मौके पर पुलिस, रेलवे, और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत राहत कार्य में जुट गए।
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
- मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित इलाज और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
- रेलवे का बयान:
- नॉर्थ ईस्ट रेलवे के अनुसार, सूचना 11 जनवरी 2025 को दोपहर 2:39 बजे प्राप्त हुई।
- उनके अनुसार, 5 मजदूर घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है।
राहत कार्य:
- अब तक 20 मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला गया है।
- राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
- हादसे के बाद स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौके पर जमा हो गए, जिससे राहत कार्य में थोड़ी बाधा आई।
मुख्य बिंदु:
- हादसे के कारण:
- प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, शटरिंग फेल होने की वजह से यह हादसा हुआ।
- लिंटर डालने के दौरान निर्माण कार्य में लापरवाही की आशंका जताई जा रही है।
- आगे की कार्रवाई:
- प्रशासन द्वारा इस घटना की जाँच के आदेश दिए जा सकते हैं।
- हादसे में शामिल ठेकेदार और निर्माण एजेंसी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सम्भावित सुधारात्मक कदम:
- निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की सख्त निगरानी।
- जिम्मेदार एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।
- प्रभावित मजदूरों और उनके परिवारों को मुआवजा।
यह घटना न केवल श्रमिक सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सार्वजनिक परियोजनाओं में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना कितना आवश्यक है।