मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में बांदा के डीएम ने जांच का आदेश दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीएम के आदेश के बाद तीन सदस्यीय कमेटी बनी है. मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में तीन सदस्यीय टीम इसकी जांच करने वाली है. पूर्व विधायक अंसारी का गुरुवार शाम को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. अब तीन सदस्यीय टीम इसकी जांच करेगी. मौत से पहले की अंसारी लगातार ये दावा कर रहा था कि उसे खाने में हलका जहर दिया जा रहा है. वहीं जेल प्रशासन का कहना है कि मुजरिम को खाना देने से पहले डिप्टी जेलर द्वारा चखा जाता है. खाने को बनाते समय चेक किया जाता है.
तबीयत खराब होने की सूचना प्रशासन की ओर से नहीं मिली
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी का कहना है कि तबीयत खराब होने की सूचना उन्हें प्रशासन की ओर से नहीं मिली. उन्हें इसके बारे में मीडिया के जरिए पता चला है. उसने बताया कि वह दो दिन पहले मुख्तार से मिलने आया था, लेकिन उसे इजाजत नहीं मिली. उनका दावा है कि पिता मुख्तार अंसारी को धीमा जहर दिया गया है. 19 मार्च को रात के खाने में उन्हें यह जहर दिया गया. उमर अंसारी के अनुसार, वे न्यायपालिका का रुख करेंगे. उन्हें उस पर पूरा भरोसा है.
शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया
गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है. इस दौरान उमर अंसारी का कहना है कि इसके लिए लगभग पांच डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है. उसके बाद परिवार को शव सौंप दिया जाएगा, जिसके बाद परिवार की ओर से आगे की प्रक्रिया की जाएगी.
इस दौरान उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेल में बंद नेता मुख्तार अंसारी के निधन के बाद गुरुवार रात को अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में डीजीपी प्रशांत कुमार और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. यहां पर हालात का जायजा लिया. अंसारी की मौत की वजह से सुरक्षा के मामले पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से राज्यभर में कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है.
उधर, सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि ‘पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यधिक चिंताजनक है. उन्होंने न्यायालय में अर्ज़ी देकर पहले ही ज़हर के द्वारा अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी. मौजूदा व्यवस्था में तो न जेल में कोई सुरक्षित, न पुलिस कस्टडी में और न अपने घर में. प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने को विवश किया जा रहा है. क्या मुख़्तार अंसारी द्वारा न्यायालय में दी गयी अर्ज़ी के आधार पर कोई न्यायिक जाँच के आदेश करेगी यूपी सरकार?’