उत्तर प्रदेश के बहराइच में रविवार (13 अक्टूबर, 2024) को मुस्लिम भीड़ ने दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन करने जा रहे श्रद्धालुओं पर हमला किया था। हमले में अब्दुल हमीद और अन्य मुस्लिमों ने मिलकर रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक की हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद पूरे जिले में काफी हिंसक घटनाएँ हुई हैं। इनको रोकने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है।
रामगोपाल की हत्या का एक और वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को लेकर दावा किया गया है कि मृतक रामगोपाल की लाश को निकाल कर ले जाने की कोशिश कर रहे हिन्दुओं पर पत्थर और गोलियाँ बरसाईं गईं।
यह वीडियो लगभग 20 सेकेंड का है। इसमें एक छत की सीढ़ियों से किसी व्यक्ति को नीचे उतरते देखा जा सकता है। उस व्यक्ति ने अपने दोनों हाथों से रामगोपल मिश्रा का शव उठा रखा है। नीचे कोई और व्यक्ति है जो वीडियो में नहीं दिख रहा। उस व्यक्ति ने रामगोपाल के पैरों को पकड़ रखा है। इसी दौरान एक तीसरा व्यक्ति वीडियो बना रहा है। दीवाल के बाहर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है जो शोरगुल करते दिखाई दे रहे हैं।
इसी दौरान शव को उठा कर ले जा रहे लोगों पर पत्थर बरसने लगते हैं। सीढ़ियों के नीचे 2 व्यक्ति अचानक दिखाई पड़ते हैं। ये दोनों रामगोपाल की लाश को ले जा रहे लोगों पर गोलियाँ बरसाना शुरू कर देते हुए दिखते हैं। इसमें से एक काली टी शर्ट और नीली जींस में है जबकि दूसरा सफेद शर्ट पहने हुए हैं। हमला करने के लिए इन दोनों ने एक दीवाल की आड़ ले रखी थी। गोली चलने से वीडियो बना रहा व्यक्ति कैमरे को नीचे झुका लेता है।
छतों के रास्ते निकाली गई लाश
हरिमिलन ने बताया कि उनके भाई की हत्या मुस्लिमों ने अपने घर में घसीट कर की थी। विसर्जन जुलूस में शामिल कुछ युवा जैसे-तैसे वहाँ पहुँचे और शव को निकाल कर लाने की कोशिश करने लगे। शव को ला रहे युवाओं पर भी गोलियों और पत्थरों से हमला किया गया। कुछ पत्थर रामगोपाल के शव पर भी लगे। बकौल हरिमिलन उनके भाई का शव दूसरे घर की छत के रास्ते से लाया जा सका।
जब पूछा कि क्या लाश को निकल कर लाने में पुलिस ने कोई मदद नहीं की तो इस पर हरिमिलन का जवाब था, “पुलिस के चलते ही तो मेरे भाई की हत्या हुई।” उन्होंने बताया कि जब तक हिन्दू एकजुट हो कर जमा थे तब तक उन पर हमला नहीं हुआ लेकिन पुलिस के लाठीचार्ज से जैसे ही भगदड़ मची, उसी समय हमला हो गया और गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी गईं। इन्ही गोलियों के शिकार रामगोपाल मिश्रा बन गए।
भाई हरिमिलन का आरोप है कि कि पुलिस ने न तो रामगोपाल को बचाने में कोई सहयोग किया और न ही हत्या के बाद उनकी लाश निकालने में। फ़िलहाल रामगोपाल मिश्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। अंतिम संस्कार से पहले मृतक के घर वालों और प्रशासन के बीच लम्बे समय तक नोकझोंक का दौर चला। रामगोपाल के भाई हरिमिलन ने बताया कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश्वर सिंह द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर अपने भाई का अंतिम संस्कार किया है।