उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में देवबंद का दारुल उलूम मदरसा कई बार विवादित फतवों के कारण सुर्खियों में रह चुका है, लेकिन इस बार अपने फतवे में इस्लामिक धर्मग्रंथों में बताई गई गजवा-ए-हिंद की अवधारणा को मान्यता दी है. मदरसे ने कहा है कि भारत पर आक्रमण के दौरान मरने वाले लोग महान शहीद कहलाएंगे और उन्हें स्वर्ग मिलेगा. इस फतवे के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिकायत दर्ज कराई है. एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने सहारनपुर एसडीएम और एसपी को पत्र लिखकर इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.
प्रियांक कानूनगो द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि दारुल उलूम केवल मदरसा नहीं, बल्कि एक ऐसी संस्था है, जो भारत पाकिस्तान जैसे देशों के करिकुलम बनाती है और करोड़ों बच्चे इनकी बनाई सिलेबस या फतवे पर इस्लामीक शिक्षा लेते हैं.
उन्होंने कहा कि फतवे के मुताबिक जो भारत के विरूद्द आक्रमण में शहीद होगा, वो सर्वोच्च बलिदानी माना जाएगा. बच्चों के दिमाग में ऐसा जहर भरना राष्ट्रद्रोह है. हमने एसएसपी और डीएम को निर्देशित किया है कि देवबंद के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और अन्य आवश्यक धाराओं में केस दर्ज करें और हमें कापी दें.
दारुल उलूम पर चलेगा देशद्रोह का केस
कानूनगो ने कहा कि ये फतवा उनकी वेबसाइट पर है, उर्दू में है. तो क्या सोचते हैं कि एजेंसीज नहीं पढ़ पाएंगे? हमारे पास आज शिकायत आई तो हम आज एक्शन लेंगे. जबसे दारुल उलूम देवबंद बना है, उनके तरीके ऐसे ही हैं. वो आदर्श ऐसे लोगों को मानते हैं, जैसे वलीउल्लाह देहलवी, जिसने पानीपत के युद्ध के लिए अब्दाली को दिल्ली बुलाया था, जिसमें लाखों लोग मारे गए थे.
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता का नाम हम सुरक्षा वजह से सार्वजनिक नहीं कर सकते. एफआईआर होगा. उन्होंने कहा कि 2020 का फतवा है तो क्या कार्रवाई नहीं होगी?
जानिए दारुल उलूम की वेबसाइट में क्या लिखा गया
बता दें कि एक सवाल में दारुल उलूम देवबंद से पूछा गया, ”मेरा सवाल यह है कि क्या हदीस में भारत पर आक्रमण (गजवा-ए-हिंद) का जिक्र है, जो उपमहाद्वीप में होगा? और जो भी इसमें शहीद होगा वह महान शहीद है. और जो गाजी (योद्धा) होगा वह स्वर्ग जाएगा (जानंती होगा)? कृपया उत्तर दें.”
मदरसे ने अपने जवाब में कहा, गजवा अल-हिंद, जिसके तहत उन्होंने हजरत अबू हुरैरा (आरए) से एक हदीस सुनाई है. अल्लाह के दूत शांति हो तो उन्होंने वादा किया कि हम भारत पर आक्रमण करेंगे. यदि मैं यह देखने के लिए जीवित रहा तो मैं अपना और अपनी संपत्ति का बलिदान कर दूंगा. अगर मैं मारा गया, तो मैं सबसे अच्छे शहीदों में से एक बनूंगा, और अगर मैं वापस आया, तो मैं अबू हुरैरा अल-मुहरर (आग से मुक्त हुआ). भारत पर इसी आक्रमण (गजवा-ए-हिंद) की भविष्यवाणी अल्लाह के दूत (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने की थी और अल्लाह ही बेहतर जानता है.